Jamshedpur (Nagendra) एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति लंबे समय से समस्या बनी हुई थी। हाल के कई निरीक्षणों में पाया गया कि वार्ड, ओपीडी और इमरजेंसी में कई डॉक्टर और कर्मचारी ड्यूटी समय पर मौजूद नहीं थे। कई ने छुट्टी की जानकारी तक नहीं दी थी।लगातार शिकायतें और लापरवाही सामने आने के बाद उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने स्पष्ट आदेश दिया है कि अब सभी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल और आउटसोर्स कर्मचारी केवल आधार आधारित बायोमैट्रिक सिस्टम से ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। उपायुक्त ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि कई बार निर्देश देने के बाद भी सिस्टम लागू नहीं हो रहा था।
उन्होंने चेतावनी दी—“बिना बायोमैट्रिक उपस्थिति किसी कर्मचारी का वेतन जारी नहीं होगा।”निरीक्षण टीम में एनईपी के डायरेक्टर व एमजीएम नोडल अधिकारी संतोष गर्ग, प्रिंसिपल डॉ. दिवाकर हांसदा, उपाधीक्षक और अन्य अधिकारी शामिल थे। उनकी रिपोर्ट में सामने आया कि— कई डॉक्टर और कर्मचारी ड्यूटी के समय गायब थे । कुछ ने बिना सूचना छुट्टी ले रखी थी । इमरजेंसी और ओपीडी में स्टाफ की कमी दिख रही थी । इन स्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने कठोर कदम उठाने का फैसला किया। उपायुक्त ने कहा कि— ओपीडी, इमरजेंसी, वार्ड, लैब, प्रशासनिक शाखा—सभी यूनिट में तैनात कर्मचारी बायोमैट्रिक पर ही हाज़िरी दर्ज करेंगे।उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मशीनों में कोई तकनीकी समस्या आने पर तुरंत सुधार हो, सभी कर्मचारियों का आधार प्रमाणीकरण जल्द से जल्द पूरा किया जाए.प्रबंधन का कहना है कि कुछ दिनों में सभी मशीनें सक्रिय हो जाएंगी। हर कर्मचारी को सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।
उनका दावा है कि नए नियम से— उपस्थिति में पारदर्शिता आएगी और कामकाज बेहतर होगा। मरीजों को सेवाएं समय पर मिलेंगीजिला प्रशासन की इस सख्ती से उम्मीद है कि स्टाफ की अनियमितता पर लगाम लगेगी और एमजीएम अस्पताल की सेवाओं में सुधार दिखेगा। लोगों को भरोसा है कि इससे मरीजों को अब अधिक व्यवस्थित और समय पर इलाज मिलेगा। साथ ही एमजीएम अस्पताल को यह भी अल्टीमेटम दिया गया है कि 8 दिसंबर 2025 तक हर हाल में सभी आईसीयू को चालू कर देना है, ताकि मरीजों को ईलाज में कोई दिक्कत न हो सके।

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