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हरिनाम करने से शरीर और मन दोनों पवित्र होता है : कमल कांति घोष, Chanting Harinam purifies both body and mind: Kamal Kanti Ghosh


 हाता। दोल पूर्णिमा के शुभ अवसर पर 7 मार्च को सुबह 10 बजे मजग्राम में दो दिवसीय अखंड हरिनाम संकीर्तन का शुभारंभ हुआ। हरिनाम का शुभारंभ माताजी आश्रम के भक्तशिल्पी कमल कांति घोष ने द्वीप धूप प्रज्वलित करके किया।उन्होंने इस अबसर कहा,,हरिनाम करने से शरीर और मन दोनों पवित्र होता है।हरिनाम कलियुग में मुक्ति का सरल उपाय है।माताजी आश्रम के संचालक सुनील कुमार दे ने कहा। 

आज हरिनाम के संस्थापक और प्रचारक चैतन्य महाप्रभु की 537 वां जन्मदिन है।अच्छे दिन में मझग्राम में हरिनाम संकीर्तन का आयोजन हो रहा है।महाप्रभु की इससे बढ़ कर श्रद्धांजलि और क्या हो सकती है।जैसे भी नाम करो उसका फल मिलना अनिवार्य है।

इस अवसर पर राजकुमार साहू,अमल बिश्वास, मोहितोष मंडल,डॉक्टर अनूप मंडल आदि उपस्थित थे।हरिनाम संकीर्तन में निताई गौर महिला सम्प्रदाय मेदनीपुर, सौरभ दास गोस्वामी पुरुलिया, मौसमी गोस्वामी महिला सम्प्रदाय बांकुरा,चालियामा कीर्तन सम्प्रदाय, शिव शंकर कीर्तन सम्प्रदाय पोड़ा भालकी, छोटा आमदा कीर्तन सम्प्रदाय,राजकिशोर भकत कीर्तन सम्प्रदाय कोगदा आदि कीर्तन मंडली भाग ले रहे है।कीर्तन का समापन 9 मार्च को होगा।


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