गुवा। सारंडा के गंगदा पंचायत अन्तर्गत दुईया गांव निवासी मानव तस्करी की शिकार नाबालिक सोमबारी कुई की मौत टीबी की गंभीर बीमारी की वजह से हुई। उसके मानव अंग की तस्करी आदि से संबंधित कोई प्रमाण मृतका के परिजन, मुखिया व ग्रामीणों को नहीं मिला है। रविवार को सोमबारी की मां एवं भाई सह मुंडा जानुम सिंह चेरवा तथा इसी गांव की लापता एक अन्य नाबालिक युवती के पिता बामिया लागुरी एवं उसकी पत्नी ने पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल के साथ छोटानागरा थाना में जाकर पुलिस को घटना की जानकारी दी। बामिया लागुरी ने अपनी बेटी की सकुशल बरामदगी को लेकर मानव तस्करों के खिलाफ लिखित शिकायत की। फिलहाल पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
छोटानागरा थाना में मृतका के भाई जानुम सिंह चेरवा, मुखिया राजू सांडिल आदि ने बताया कि सोमबारी कुई मौत के समय बदहवास होकर शरीर का ऑपरेशन किये जाने आदि जैसी अनर्गल बातें बोल रही थी, जिसको लेकर उसके मानव अंग की तस्करी संबंधित अफवाहें फैल गई थी। लेकिन उसकी मृत्यु के बाद शरीर की जांच परिवार की महिलाओं ने की, जिसमें किसी भी प्रकार के ऑपरेशन या कट के निशान नहीं मिले। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने बताया कि टीबी बीमारी से गंभीर रूप से बीमार सोमबारी कुई को मानव तस्करों ने 15 दिन पहले दिल्ली से ट्रेन से लाकर मनोहरपुर स्टेशन पर छोड़ दिया था। उसके बाद वह अकेले डेढ़ वर्ष बाद अपने भाई के घर पहुंची थी।
मनोहरपुर अस्पताल में परिजनों ने उसका इलाज भी कराया लेकिन चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए जबाब दे दिया था। अंततः सोमबारी की मौत हो गई।पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद थाना प्रभारी उमा शंकर वर्मा ने दिल्ली के एक परिवार से फोन पर बातचीत की। उक्त परिवार ने थाना प्रभारी को बताया कि सोमवारी कुई को एक व्यक्ति छः माह पहले उनके घर पर काम करने के लिए छोड़ गया गया था। इसके बदले उसने 50 हजार रुपये युवती के परिवारवालों को भेजने के नाम पर लिया था।
युवती की तबियत पहले से खराब चल रही थी। बाद में तबियत अधिक बिगड़ने पर उन लोगों ने 21 जनवरी को एम्स में डॉक्टर को दिखाया। उक्त डॉक्टर ने सोमबारी को टीबी बीमारी से गंभीर रुप से ग्रसित बताते हुये जरूरी दवाइयां दी। इसके बाद सोमबारी को उसी व्यक्ति के पास भेज दिया था। इस मामले में प्राथमिक जांच में पता चला कि अल्वीश नामक एक मानव तस्कर के कहने पर कुम्बिया गांव निवासी मंदरु चाम्पिया उक्त दोनों युवती को लेकर दिल्ली गया था। दिल्ली स्टेशन पर अल्विश ने तीनों को रिसीव कर अलग-अलग जगह काम पर लगाया। बाद में मंदरु काम छोड़ बंगलोर भाग गया। दोनों युवती दिल्ली में ही फंसी रह गई। जिसमें से सोमवारी टीबी से बीमार हुई जिसे ट्रेन से वापस गांव भेज दलाल फरार हो गया। अंततः उसकी मौत बीमारी से हुई।
No comments:
Post a Comment