हाता। गालूडीह रुंकिनी मंदिर में झारखंड के प्रसिद्ध कवि व लेखक सुनील कुमार दे द्वारा लिखित,,युगपुरुष बिनय दास बाबाजी,,का विमोचन राम नवमी के शुभ अवसर पर एक भव्य समारोह में की गई।लेखक सुनील कुमार दे ने यह पुस्तक बंगला में लिखी है जो जल्द ही भक्तजनो के अनुरोध पर हिंदी में भी रूपांतरण करेंगे। यह पुस्तक श्री दे ने बिनय दास बाबाजो के भक्तजनों तथा माताजी आश्रम हाता के भक्त शिल्पी कमल कांति घोष की प्रेरणा से लिखी है।श्री दे की यह 33 वा पुस्तक हैं।
उन्होंने कापड़ गादी घाटेर रुंकिनी माँ,, पुस्तक पाठकों को उपहार दिया है। श्री दे का वह पुस्तक काफी लोकप्रिय हुआ। वहीं पुस्तक पढ़कर भक्तजनों ने बाबाजी के जीवनी पर पुस्तक लिखने के लिए लेखक को अनुरोध किया।लेखक सुनील कुमार दे ने बाबाजी से अनुमति, आदेश और कहानी लेकर ही ,,युग पुरुष बिनय दास बाबाजी,,पुस्तक तीन महीने के अंदर लिख डाला। पुस्तक में बाबाजी की संक्षिप्त जीवनी,बाबाजी का कर्म कांड यथा,, गालूडीह रुंकिनी मंदिर का पुनरुद्धार का बर्णन,खरिया कॉलोनी अमृतवाणी सत्संग और नव कुंज मंदिर का बर्णन,शिद्देस्वर शिव मंदिर का बर्णन तथा बाबाजी का अन्य क्रियाकलापों का भी बर्णन किया है।
इसके अलावे पुस्तक में बाबाजी का कुछ अलौकिक कहानी व वाणी का भी जिक्र किया गया है।पुस्तक में भूमिका पूर्व जिला परिषद सह साहित्यकार करुणामय मंडल ने लिखा है। इसके अलावे शिक्षाविद रघुनंदन बनर्जी, भक्त शिल्पी कमल कांति घोष, रामगढ़ आश्रम हाता के अध्यक्ष सुधांशु शेखर मिश्र, शिक्षाविद शंकर चंद्र गोप,शिक्षिका बीथिका मंडल,समाजसेवी उज्वल मंडल,माताजी आश्रम के कोषाध्यक्ष विश्वामित्र खंडायत, भक्त अमल बिस्वास,भक्त तपन मंडल,बाबाजी के भक्त बिद्युत पाल, चंदना पाल, भास्कर पात्र, अशोक कुमार नायक,डॉक्टर बिकाश चंद्र भकत,मनोज कुमार सिंह,मनीराम टुडू ने लेखक और बाबाजी के बारे में महत्वपूर्ण विचार लिखे है।
पुस्तक की छपाई और कवर पेज बहुत ही आकर्षक है। पुस्तक में कुछ रंगीन पेज भी दिया गया है जिससे पुस्तक का आकर्षण बड़ गया है।पुस्तक से बाबाजी की महान जीवनी के बारे में भक्तजनों और पाठकों को जानकारी मिलेगी। सुनील कुमार दे कि यह एतिहासिक पुस्तक लोग काफी पसंद कर रहे हैं और यह महान कार्य करने के लिए लेखक को धन्यवाद और बधाई भी दे रहे हैं। बाबाजी के विषय में लेखक ने कहा,,बिनय दास बाबाजी केवल एक साधु,संत,धर्म गुरु ही नहीं बल्कि एक समाज सुधारक, धर्म विप्लबी और युग पुरूष भी है।उनका आशीर्वाद और प्यार पाकर मै धन्य हो गया हूं।
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