चक्रधरपुर. चक्रधरपुर नगर परिषद अन्तर्गत राजबाडी रोड स्थित वार्ड नं 10 प्लाट न 124 खसरा न 33 में हो रहे अवैध निर्माण की शिकायत वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शर्मा द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद, अनुमंडल पदाधिकारी चक्रधरपुर और उपायुक्त सिंहभूम को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया।इस स्थान पर स्थित रघुराम धर्मशाला और सार्वजनिक कुएं को ध्वस्त कर मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है।यह सम्पत्ति अनाबाद बिहार सरकार सर्वसाधारण गैरमजरुआ आम के नाम पर दर्ज है।
क्या कहता है इतिहास-यह भूखंड पोड़ाहाट राजपरिवार के द्वारा धर्मशाला के लिए दान में दिया गया था और केडिया परिवार को इसके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।1948 में यह भूखंड बिहार सरकार के अधीन आ गया और इस जमीन का खाता अंचल कार्यालय में बिहार सरकार अनाबाद सर्वसाधारण के नाम से खोला गया और जमीन की प्रकृति गैरमजरुआ आम निर्धारित की गई थी।
क्या होती है धर्मशाला -पुराने जमाने में राहगीरों के ठहरने के लिए भवन का निर्माण राजाओं और जमींदारों के द्वारा किया जाता था,जो पूर्ण रूप से निःशुल्क होती थी परन्तु राहगीर अपनी इच्छा से धर्मशाला को दान में रुपए दे सकते थे।आज के आधुनिक युग में भी धर्मशाला की प्रासंगिकता बरकरार है,गरीब और मध्यम वर्गीय लोग विवाह आदि समारोह धर्मशाला में ही आयोजित कराते हैं।यह चक्रधरपुर का दुर्भाग्य है कि यहां स्थित धर्मशालाएं अब पूंजीवादी लोलुपता की भेंट चढ़ रही हैं।
नगर परिषद में चल रहा नक्शा पास कराने का गोरखधंधा-
नगर परिषद कार्यालय में बैक डेट में नक्शा पारित करवाने का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है, बशर्ते आपको इसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ेगी।नये अध्यादेश के अनुसार नक्शा पास कराने पर काफी तरह का निजी नुकसान भूमालिको को हो रहा है,यथा मुख्य मार्ग मे आवागमन और जल निकासी के लिए बहुत जगह छोड़कर निर्माण कार्य करना पड़ रहा है, परन्तु अगर नक्शा अध्यादेश के पूर्व की तारीख में पारित किया गया है तो निर्माण में इतनी बाध्यता नहीं है।
इसके कारण नगर परिषद में सक्रिय दलाल जमकर चांदी काट रहे हैं। इस संबंध में महेंद्र केडिया ने बताया कि उनके पास पूरे कागजात है.समय आने पर वह प्रस्तुत करेंगे. जो भी इस संबंध में शिकायत हुआ है वह गलत है. क्योंकि नगर परिषद से नक्शा पास हुआ है और इसका मालगुजारी भी कट रहा है.
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