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डायन प्रथा एवं नशा मुक्ति अभियान को लेकर सिदगोड़ा टाउन हॉल मे कार्यशाला आयोजित किया गया , A workshop was organized at Sidgoda Town Hall regarding the practice of witchcraft and de-addiction campaign.


जमशेदपुर। समाज में फैली डायन प्रथा जैसी कुरीति तथा नशा मुक्ति अभियान को लेकर सिदगोड़ा टाउन हॉल में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री, पद्मश्री श्रीमती छुटनी महतो, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू, जिला परिषद उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, कार्यशाला के वक्ताओं तथा उपस्थित पदाधिकारियों ने किया। कार्यशाला की शुरूआत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फुलो झानो आशीर्वाद योजना का लाभ लेकर समाज में सुखद बदलाव की वाहक बनी मोनिका हांसदा एवं सात्रो हांसदा ने हड़िया-दारू बेचना छोड़कर कैसे समाज को नशामुक्त बनाने तथा स्वरोजगार से नई राह दिखाई है इससे हुई । 

सीओ बहरागोड़ा जीतराय मुर्मू ने संताली भाषा में उपस्थित जनसमूह को नशा के दुष्प्रभाव तथा डायन प्रथा को लेकर समाजिक में उत्पन्न होने वाली विसंगतियों से जनसमूह को अवगत कराया। बीडीओ डुमरिया साधुचरण देवगम ने ‘हो’ भाषा में गाये जागृति गीत से समाज को इन कुप्रथाओं के विरूद्ध आवाज दी तथा लोगों को डायन प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने व नशामुक्ति के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दिया। वीमेंस यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर डॉ. कविता सिंह, प्रीति, करीम सिटी कॉलेज से डॉ. शीतल पांडेय व डॉ. जाकिर अख्तर, राजेश कैवर्त ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपने विचार रखे तथा परिवार व समाज के रूप में व्यक्तिगत रूप से कैसे हम डायन प्रथा और नशा मुक्ति अभियान में अपना योगदान दे सकते हैं इसपर प्रकाश डाला। उक्त सामाजिक बुराइयों पर बने शॉर्ट फिल्म का भी प्रदर्शन कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों ने नशामुक्ति की शपथ लेकर सुसभ्य समाज बनाने का प्रण लिया ।  


कुप्रथायें समाज में समस्या उत्पन्न करतीं, युवा नशा से पिछड़ रहे : जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रत्येक ग्रामीण के बच्चे स्वस्थ रहें, अच्छी पढ़ाई करें, नौकरी लें अंधविश्वास और कुरीतियों की तरफ नहीं जायें। कुप्रथायें समाज में समस्या उत्पन्न करती हैं, नशापान से युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा, युवा पिछड़ रहे। इन सभी कुरीतियों के खिलाफ हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि एकजुट हों, जनजागरूकता लायें। समाज में बदलाव लाना तभी संभव है जब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकते हैं। मुख्यमंत्री, झारखंड की विशेष पहल पर राज्य में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय इस योजना के साथ शुरू की गई है कि समाज के पिछड़़े वर्गों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। 

‘आगे जाना है तो कुरीतियां को छोड़ें’: ग्रामीण क्षेत्र में जो भी रूढ़िवादी और अंधविश्वास की प्रथायें हैं उनसे आम ग्रामीणों को कैसे जागरूक किया जाए इस दिशा में सभी पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम प्रधान, माझी परगना अहम भूमिका निभा सकते हैं। जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त ने कहा कि आगे जाना है तो वैसी कुरीतियां जो समय के अनुरूप नहीं है उन्हें छोड़ें। उन्होंने कुप्रथाओं के विषय में जनजागरूकता लाने में जिले में कार्यरत एनजीओ, सिविल सोसायटी, शिक्षण संस्थाओं को विशेष रूप से पहल करने की अपील की। उन्होंने आह्वान किया कि ये सभी संस्थायें एक या दो प्रखंडों को गोद लेकर कार्य करें, विशेषकर डायन प्रथा के विषय में जागरूकता लायें तथा समाज से किसी को डायन बताकर बहिष्कृत या प्रताड़ित करने की सूचना प्रशासन को दें, दोषियों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2021 पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने डायन प्रथा के खिलाफ कानूनी प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला।      

पीड़ा से प्रतिकार किया : पद्मश्री श्रीमती छुटनी महतो ने डायन बताकर प्रताड़ित किए जाने से पद्मश्री से नवाजे जाने तक की अपनी जीवन यात्रा में डायन कुप्रथा के कारण व्यक्तिगत रूप से उन्हें किस तरह की मानसिक अवसाद से गुजरना पड़ा, समाज के रूप में इन कुरीतियें के खिलाफ हम कैसे विफल होते हैं इसपर अपनी भावनायें प्रकट की। उन्होने अपनी जीवन संघर्ष यात्रा को लेकर बताया कि कैसे भू-संपत्ति हड़पने के कारण उनके अपनों ने डायन कहकर प्रताड़ित करते हुए समाज से बहिष्कृत, मारपीट और कई वर्षों तक अपने गांव नहीं लौट पाने को मजबूर किया।      

खुद बदलें तभी समाज बदल सकते हैं : जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि हम अपने आप में परिवर्तन नहीं कर सकते तो समाज नहीं बदल सकता। उन्होने बताया कि कैसे इन कुरीतियों के खिलाफ महिलायें साड़ी का रंग और बेतरतीब बाल से डायन कहकर बहिष्कृत की जाती हैं। सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों व ग्राम प्रधान से अपील किया कि लोगों को कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूक करने तथा सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उनकी जीवन समृद्ध करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें जिससे वे पढ़कर जागरूक बनें और कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठा सकें। 

इस मौके पर अपर उपायुक्त, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, डीसीएलआर, जिला योजना पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला परिषद सदस्य उपस्थित रहे।

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