घटना के संबंध में बताया गया कि 19 सितबर 2013 को मनोज तियू, महाबीर हेम्ब्रम और कैरा कोड़ा द्वारा सरकारी पैसा का गबन एवं गाँव का हक मारने को लेकर बोयकेड़ा पंचयात भवन में ग्रामीण मुण्डा चम्बरू सुरीन के अध्यक्षता में एक बैठक बुलायी गई। जिसमें मनोज तियू, महाबीर हेम्ब्रम और कैरा कोड़ा भी शामिल हुए। अभियुक्तों द्वारा बैठक में ही इन तीनों को बंधक बना कर मार पीट करके जंगल में फेंक दिया गया। रात्रि में होश आने पर महाबीर हेम्ब्रम और कैरा कोड़ा अपने अपने घर आ गये, परन्तु मनोज तियू का कोई आता पता नहीं चला।
अनुसंधान के क्रम में चाईबासा पुलिस द्वारा काण्ड का उद्भेदन करते हुए अभियुक्तों चम्बरी सुरीन, पवन कुमार जामुदा, रामराय सुरीन, जय सिंह पुरती, सुरेन्द्र तियू, बागुन तियू, बागुन हेम्ब्रम, बागुन सुरीन, विश्वनाथ सुरीन, मानीलाल सुरीन एवं अमर नाथ हेम्ब्रम को सभी सोनुआ थाना अंतर्गत बोयकेड़ा निवासी हैं। सभी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया तथा सभी साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से संग्रह करते हुए माननीय न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया।
जिसके आधार पर उक्त काण्ड का विचारण के क्रम में सत्रवाद सं0- 149/2014 एवं सत्रवाद सं0- 239/2023 दिनांक- 30.09.2023 को माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश- द्वितीय, प० सिंहभूम, चाईबासा के न्यायालय द्वारा धारा- 364/34 भा0द0वि0 में सभी अभियुक्तों को 07-07 (सात) साल कठोर कारावास तथा 5,000-5,000/- (पाँच हजार) रूपये जुर्माना की सजा दी गई है।
No comments:
Post a Comment