हाता। आधुनिकता के नाम पर हर व्यक्तियों के अंदर खासकर महिलाओं के अंदर नग्न शरीर दिखाने और अश्लीलता फैलाने की होड़ मची है आज समाज में। चाहे सीरियल हो अथवा सिनेमा, विज्ञापन हो अथवा कार्यक्रम हर जगह केवल नग्नता,देह प्रदर्शन, नग्न नाच और अश्लीलता का भरमार है। कोई नायिका अगर धार्मिक सीरियल में हिट हो जाती है तो दो दिन बाद कपड़ा खोलने लगती है और शरीर दिखाने लगती है। मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखती है।
सब पैसा का खेल है। आजकल पुरुष चाहे नारी ऐसी ड्रेस पहनती हैं कि शरीर की ओर देखा नहीं जाता है। आँख बंद करना पड़ता है। बोलने से बोलते हैं,, आजकल मॉडर्न युग है, यही चलता है। लाज,शर्म,संस्कृति, सभ्यता, परंपरा मृत्यु की कगार पर है। समाज में यौन क्रिया खुलेआम चल रहा है, अवैध संतान उत्पादन हो रहा है। युवा पीढ़ी दिग भ्रमित हो रहे हैं। चरित्रहीन हो रहे हैं बच्चे फ्री सेक्स की ओर कदम रख रहे है। समाज दूषित हो रहा है, कलंकित हो रहा है।
मनुष्य आधुनिकता के नाम पर पशुत्व की ओर जा रहा है। किधर जा रहा है जमाना, किधर जा रही है मानव सभ्यता। लगता है और कुछ दिन बाद लोग कपड़ा पहनना ही छोड़ देंगे। जंतु जानवरों के जैसा नंगा घूमने लगेंगे लोग। इसी को मॉडर्न युग कहा जाता है। मॉडर्न का अर्थ नंगा युग,कोई लाज शर्म नहीं, कोई संस्कार और संस्कृति नहीं, कोई धर्म और भक्ति नहीं, कोई संबंध और चरित्र नहीं।वारे रे आधुनिक समाज सलाम आपको।हज़ारों सलाम।
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