हाता। माताजी आश्रम हाता की प्रेरणा और सहयोग से बंगला भाषा का अस्तित्व को बचाने के लिए पोटका के विभिन्न गांव में बिगत 23 अप्रैल 2023 से नि:शुल्क रूप से बंगला भाषा की शिक्षा दी जा रही है। यह जानकारी बंगला भाषा के प्रचारक तथा माताजी आश्रम के संचालक सुनील कुमार दे ने दी। उन्होंने कहा,,बिगत 23 अप्रैल से विभिन्न गांव में बंगला भाषा शिखाने का स्कूल खोला गया है। जिसमें से माताजी आश्रम हाता, खायेरपाल बंगाल क्लब,कालिका पुर राधा गोविन्द मंदिर समिति,गौर निताई समिति बड़ा भूमरी प्रमुख हैं। इसके अलावे सरस्वती शिशु मंदिर कोवाली,माटीगाड़ा मध्य विद्यालय में भी बंगला भाषा की शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावे गोविन्द पुर,आदित्यपुर,घाटशिला, पटमदा में भी अपुर पाठशाला चल रहा है। इस आंदोलन का प्रभाव दूसरे जिला में भी पड़ रहा है और बांग्ला शिखाने का स्कूल खोला जा रहा है।सरकारी स्तर से भी इसका प्रयास होना चाहिए, क्योंकि झारखंड बंगला भाषी राज्य है।इस राज्य का ज्यादातर लोगों की मातृभाषा बंगला ही है।
पोटका के विभिन्न जगहों में अनेक बच्चे बंगला शिख गए हैं और दिनप्रतिदिन नए बच्चे नामांकन कर रहा है। पोटका के माताजी आश्रम में सर्व प्रथम बंगला शिखाने का स्कूल खोला गया है जो अभी भी जारी है। प्रति रविवार को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक बंगला क्लास किया जाता है। यहाँ सुनील कुमार दे और कमल कांति घोष नियमित रूप से बच्चे को बंगला सिखाते हैं।यह शिक्षा निशुल्क है।
हर जगह निशुल्क शिक्षा दी जाती है। बंगला पुस्तक भी निशुल्क दिया जाता है। बंगला भाषा उन्नयन समिति झारखंड ने इस प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा की है और बांग्ला भाषा सिखानेवाले सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं को धन्यवाद दिया है। पोटका में माताजी आश्रम की प्रयास से और दूसरे दूसरे गांव में भी बंगला शिखाने स्कूल खोलने का प्रयास किया जा रहा है। 10 सितम्बर को बड़ा भुमरी गांव में बंगला भाषा सीखनेवाले बच्चे को शिक्षिका रीना मंडल और रिता मंडल ने पुरस्कृत किया।
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