गुवा। सारंडा के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती गांव कादोडीह, बालेहातु और भनगांव में बीएसएनएल का 4जी संचार सुविधा हेतु मोबाइल टावर लगाने काम शुरू कर दिया गया है। टावर लगाने के लिए खुदाई की जा रही है। मेघाहातुबुरु उत्तरी पंचायत की मुखिया लिपि मुंडा के अथक प्रयास से इन गांवों के लोग व छात्राएं भी अब संचार सुविधाओं से जुड़ अपना भविष्य बेहतर बना सकेंगी।
सारंडा का यह इलाका काफी पिछड़ा है। यहां आज तक संचार व अन्य किसी भी प्रकार की कोई बुनियादी सुविधा नहीं है। कादोडीह, बालेहातु, धर्नादिरी, चेरवालोर, जुम्बईबुरु जैसे एक-दूसरे से सटे गांवों में तो एक भी स्कूल नहीं है। यह पांचों गांव पूर्व में जंगल काटकर बसाया गया था। यहां वर्ष 2011 तक नक्सलियों का एकाधिकार कायम था। सारंडा का कादोडीह गांव स्व. मोरा मुंडा का गांव है।
स्व. मुंडा ने ही सारंडा समेत पूरे पश्चिम सिंहभूम जिले को अपने स्वार्थ की खातिर नक्सल की आग में झोंक दिया था। मोरा मुंडा सारंडा के जंगलों को कटवा कर एवं दूसरे क्षेत्रों से लोगों को लाकर दर्जनों गांव बसाया था। इसे वन विभाग उजाड़ने, हटाने में लगी थी। वन विभाग से इन गांवों को उजड़ने से बचाने हेतु वह वर्ष 2001 में अन्य जिलों में सक्रिय तब के एमसीसीआई (अब भाकपा माओवादी) नक्सलियों से सम्पर्क कर उन्हें वन विभाग से लड़ने हेतु सारंडा में बुलाया था।
तब से लेकर आज तक सारंडा समेत पश्चिम सिंहभूम जिले के लोग नक्सल समस्या से परेशान हैं। मुखिया लिपि मुंडा ने कहा कि हमारे पंचायत के उक्त सुदूरवर्ती गांवों के लोग हमेशा से संचार सुविधा उपलब्ध कराने की मांग करते आ रहे हैं। काफी प्रयास के बाद उक्त तीन गांवों में बीएसएनएल का मोबाइल टावर लगाने हेतु खुदाई का कार्य प्रारम्भ हो पाया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सारंडा के लोगों को 4जी सेवा का लाभ मिल सकेगा।
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