अतः यूसिल प्रबंधन को मजदूर एवं ग्रामीणों के साथ बार्ता करने के लिए तैयार होना पड़ा। बुधवार को यूसिल प्रबंधन के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच मजदूरों के हित मे विभिन्न मांगों से सम्बंधित एक बार्ता की गयी। वार्ता बैठक मे निम्न बिंदुओं पर गहन चर्चा किया गया। जिसपर प्रबंधन द्वारा सहमति जताते हुये उसे 15 दिन के भीतर सार्थक पहल करने का आश्वासन दिया गया जो निम्न प्रकार है।
धोडांगा ग्राम वासियों का पुनर्वास का मुद्दा को यूसिल यथाशीघ्र सुलझाने हेतु 15 दिनों के अंदर राज्य सरकार को मसौदा तैयार करके लिखित रूप से आवेदन करेगी। जो भी भू विस्थापित एवं मृत्यु सम्बंधित के मामले लंबित रह गए है, उसे फॉर्म अप्लाई करने के तत्पश्चात जांचोंपरांत 15 दिनों के भीतर यूसिल कंपनी शीघ्रतापूर्वक कारवाई करेगी। यूसिल द्वारा धोडांगा स्थित स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए टीम बनाकर दौरा करके उसे सीएसआर या अन्य माध्यम से कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। माइंस में लोकल इम्प्लॉयमेंट के लिए 15 दिनों के भीतर चर्चा की जाएगी एवं स्थानीय घोडांगा ग्रामीणों को प्राथमिकता दी जाएगी। 10 अक्तूबर को हुए ब्लास्टिंग के दौरान एक ग्रामीण के घर को हुए नुकसान की उचित भरपाई / मुआवजा दी जाएगी। धोडांगा ग्रामीणों के साथ यूसिल प्रबंधन हर महीने एक बैठक करेगी। 11 अक्तूबर को बी - शिफ्ट से काम सुचारु रूप से प्रारम्भ की जाएगी।
कंपनी प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच हुए समझौता वार्ता मे धोडांगा गांव के मांझी बाबा ग्राम प्रधान संग्राम टुडू , मुखिया कान्हू मुर्मू , बिक्रम टुडू, सागर बेसरा, राम चरण हेमब्रम, किसुन मुर्मू, जैक टुडू, रातु सोरेन, दुला मुर्मू और यूसिल प्रबंधन की ओर से कंपनी के जीएम चंचल मन्ना, डिजीएम राकेश कुमार, प्रबंधक संजीव रंजन, माइनिंग मैनेजर अभिषेक जी आदि उपस्थित थे।
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