गुवा। टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से नोवामुंडी क्षेत्र एवं जगन्नाथपुर प्रखंड अंतर्गत रेंगालबेड़ा, ख़ुदामसदा, करंजिया, जेटेया, बाबरीया, उदाजो, बूरूबोढ़ता, पोखरपी, बड़ापसेय कितंगतोडांग, सीलदौरी, गीतिकेंदु, डूमरजोवा, बंबासाई सहित कुल 14 गांव के 56 किसानों को केजीबीके रुक्का (रांची) में दो दिवसीय उन्नत कृषि पद्धतियों और पशु पालन पर एक्सपोजर विजिट करवाया गया। पहले दिन किसानों को गोभी, मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, सरसों, आलू, गेहूं, टमाटर, बैगन और साग सब्जी की उन्नत खेती का जानकारी दिया गया और फील्ड में ले जाकर सभी फसल लगाने का तरीका को बतलाया गया।
जैविक खाद एवं दवा बनाने का तरीका बतलाया गया। केंचुआ खाद, बीज अमृत, घनजीवा अमृत,निमास्त्र, अग्नियास्त्र, ब्रह्मास्त्र, खट्टा मीठा का गोल, गोबर रिंग दवा इत्यादि के बारे में बताया गया। दूसरे दिन मत्स्य पालन और बत्तख पालन की प्रशिक्षण दिया गया। मछली के साथ-साथ बत्तख पालन की भी जानकारी दी गई। साथ ही जानकारी देते हुए कहा मछली पालन के लिए अच्छा तालाब, सदाबहार तालाब एवं मजबूती के साथ-साथ इनलेट आउटलेट तथा खरपतवार का ध्यान रखते हुए मछली पालन कर सकते हैं।
मछली की पहचान करवाया गया। जिसमें रेहू, कत्ला,मृगल, ग्लास कार्प, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प इत्यादि मछली की जानकारी के साथ दवाई और मछली के भोजन के लिए दाना के बारे में बतलाया गया तथा फील्ड में ले जाकर मछली पालन का सारा प्रक्रिया को दिखलाया गया। मछली के साथ-साथ बत्तख पालने का सारे सुविधा बतलाया गया। खाकी केंबल, इंडियन रनर बत्तख को पालकर किसान अपनी आमदनी को दोगुना करने के सरल तरीका बतलाया गया। किसान प्रशिक्षण लेने के बाद अपने-अपने गांव में खुद से उन्नत खेती करके और मछली बत्तख पालन करके अपना आय के स्रोत को बढ़ाने का निर्णय लिया।
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