चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में नदियों से बालू का अवैध खनन और परिवहन फिर शुरू हो गया है। बालू माफिया कोयल नदी से बालू का अवैध खनन कर आधी रात के बाद गोइलकेरा से सोनुआ होते चक्रधरपुर तक इसका परिवहन कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि तीन थाना क्षेत्रों से होते हुए अवैध बालू की ढुलाई हाईवा जैसे वाहनों से की जा रही है, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही। दरअसल, पहले ओड़िशा के चालान से हाईवा वाहनों में बालू का परिवहन किया जाता था। तेतरकेला और कुंडापोस से चक्रधरपुर तक बालू की ढुलाई मैनुअल चालान दिखाकर की जाती थी। नई व्यवस्था के तहत अब ओड़िशा सरकार ने गड़बड़ी रोकने के लिए मैनुअल चालान निर्गत करने पर रोक लगा दी है। जिसके बाद बालू माफियाओं में छटपटाहट है और वे गोइलकेरा के बालू घाटों का रुख कर रहे हैं। कोयल नदी में अवैध खनन कर हाईवा वाहनों से बालू का परिवहन किया जा रहा है।
संदेह के घेरे में विभागीय कार्रवाई, माफियाओं का बढ़ रहा मनोबल : गोइलकेरा में बालू का अवैध स्टॉक पकड़े जाने के बावजूद प्रशासन और खनन विभाग की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। इससे बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ रहा है। दलकी में पिछले साल छापेमारी कर करीब एक लाख सीएफटी बालू का अवैध स्टॉक पकड़ा गया था।इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई थी, लेकिन खनन विभाग और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से माफियाओं पर कार्रवाई के बजाय उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। जिसके कारण गोइलकेरा के बालू घाट माफियाओं के सबसे आसान टारगेट बने हुए हैं। एनजीटी की रोक के दौरान भी यहां से बालू का खनन हो रहा था।
ट्रैक्टरों से भी रात भर खनन और ढुलाई : गोइलकेरा में कोयल नदी और गुदड़ी प्रखंड में कारो नदी से बालू का अवैध खनन हो रहा है। दोनों ही जगहों पर रात में दर्जनों ट्रैक्टरों से बालू का खनन और परिवहन किया जा रहा है। विगत 25 नवंबर को गोइलकेरा के बेहड़ा और गुदड़ी के गुंडीदीरी में ऐसे ही दो ट्रैक्टर ट्रॉली हादसे का शिकार हो गए थे। जिसमें दोनों ट्रैक्टरों के चालक की मौत हो गई थी।
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