चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम के जिला समाहरणालय सभाकक्ष में शुक्रवार को जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा के बाद मतदान व मतगणना हुई। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। जिसके बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरीन व उपाध्यक्ष रंजीत यादव अपने पद पर बने रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला के निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में अविश्वास प्रस्ताव में करायी गई चर्चा ,मतदान तथा मतगणना का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें कैबिनेट मंत्री जोबा मांझी, सांसद गीता कोड़ा, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा, मझगांव विधायक निरल पूर्ति, जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकू सहित जिला परिषद के सभी 18 प्रतिनिधि, सभी 18 प्रखंड प्रमुख ने भाग लिया। सांसद अर्जुन मुंडा और राज्यसभा सांसद अनुपस्थित रहे। उपायुक्त अनन्य मित्तल की निगरानी में मतदान कराया गया। इसके बाद सभी के उपस्थिति में मतगणना की गई। शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न मतदान में अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में सबसे अधिक वोट पड़े. जबकि पक्ष में कम वोट पड़े।
अध्यक्ष पद के लिए सबसे अधिक 52 वोट डाले गए। जिसमें एक अवैध वोट हुई। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 24 मत और अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में कुल 27 मत डाले गए। इस कारण अध्यक्ष का पद बरकरार रहा। इसी तरह उपाध्यक्ष पद में कुल 52 वोट डाले गए। इसमें वैध वोट 51 हुआ. एक वोट अवैध घोषित किया गया। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 18 वोट डाले गए, जबकि अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में कुल 33 वोट डाले गए। इस कारण उपाध्यक्ष पद भी बरकरार रहा। मतदान और मतगणना के पश्चात उपायुक्त ने आधिकारिक रूप से पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से सभी मतदान व मतगणना हुई।
जिप सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने कहा पैसा का हुआ है लेनदेन,सीबीआई जांच का किया मांग : झींकपानी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान डाले गए मतदान के बाद एक मांग पत्र सदर एसडीओ को सोपा. साथ ही एक प्रेस वार्ता कर कहां हैं कि जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर खुलकर खरीद-बिक्री का आरोप लगाते हुए इस मतदान की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि 4 नवंबर को चाईबासा के गांधी मैदान परिसर में एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे। जहां आज अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुई जिला परिषद सदस्य व प्रमुखों की खरीद बिक्री के खिलाफ जांच करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि गलत तरीके से जनप्रतिनिधियों को भड़काया गया है और उन्हें पैसा देकर वोट अपने पक्ष में करवाया है। यह लोकतांत्रिक तरीके से गलत है। अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग के दौरान पैसों का बोलबाला चला है। उन्होंने कहा पश्चिमी सिंहभूम जिला लोक सभा और विधान सभा सीट आदिवासियों का सीट है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के इशारे पर जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत यादव को बनाया गया है जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के हित की बात कर रही है, लेकिन यहां बाहरी को बैठाया जा रहा है जिसका विरोध जारी रहेगा।
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