चक्रधरपुर। ब्रह्माकुमारिज संस्था शरीर का भान को छोड़ कर स्वभाव व चलन को सुधारना सिखाती है, जो वर्तमान समय के लिए बेहद जरूरी भी है। उक्त बातें मलय वीणा फाउंडेशन का अध्यक्ष सह वरीय संवाददाता ओम प्रकाश सिंह ने कहा। श्री सिंह गुरुवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय,माउंट आबू (राजस्थान) की एजुकेशन विंग, मीडिया विंग, व्युमेन विंग के स्थानीय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में चक्रधरपुर गैलन भट्टी स्थित ब्रह्माकुमारिज पाठशाला परिसर पर ब्रह्माकुमारिज के संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा के 55 वें पुण्यतिथि पर बोल रहे थे। विश्व शांति दिवस के रूप में मनाए जा रहे उक्त अवसर पर उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मा बाबा शक्ति और शांति के स्तंभ थे।
यही कारण था कि स्वयं भगवान उनको अपना रथ बनाया। और ब्रह्मा बाबा ने भी ताउम्र भगवान के उम्मीद पर खरा उतरने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। मौके पर ब्रह्माकुमारिज पाठशाला, चक्रधरपुर की संचालिका बीके (डॉक्टर) मानिनि बहन ने कहा कि ब्रह्मा बाबा त्याग और तपस्या का मूरत थे। यही कारण था, प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपना बखूबी पाठ निभाया। इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ से आए हुए वरीय राजयोग प्रशिक्षु राम भरत यादव, मानवाधिकार सहायता संघ के झारखंड प्रदेश संगठन सचिव सह डॉक्टर अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के पश्चिमी सिंहभूम जिला अध्यक्ष राजा प्रसाद उर्फ पप्पू और मानवाधिकार सहायता संघ के चक्रधरपुर नगर अध्यक्ष नसीम अख्तर ने कहा कि स्वस्थ्य और स्वच्छ मन में ही भगवान बसता है।
इस अवसर पर आए हुए अतिथियों को तिलक लगाकर स्वागत के साथ दीप प्रज्वलन और ब्रह्मा बाबा के तस्वीर पर श्रद्धा सुमन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया, जबकि महाभोग ग्रहण के साथ अंत हुआ। इस अवसर पर वीणा, संगीता, सुशीला, रीता, गीता, बालेमा, सुलेखा, यशोदा, ओडेया, राजेश, राजू, अनिल समेत कई राजयोग प्रशिक्षु और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अंत में सभी अतिथि को ईश्वरीय सौगात भी दी गई।
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