चांडिल। नीमडीह प्रखंड के आंडा गांव में सूखे कुआं में गिर कर मरने वाले हाथी से मिलने शुक्रवार की रात उसके झुंड के अन्य हाथी पहुंचे। झुंड में 18 हाथी शामिल थे। कुआं के पास रखे हाथी के शव के करीब पहुंचकर झुंड के हाथी देर तक चिंघाड़ते रहे। वन विभाग ने ग्रामीणों को पहले ही सतर्क कर दिया था कि हो सकता है झुंड के अन्य हाथी वापस अपने साथी से मिलने पहुंचें। इसको लेकर ग्रामीण पहले से ही सतर्क थे। काफी देर तक चिंघाड़ने के बाद झुंड के हाथी लौट गए।
कुआं में गिरकर हाथी के मरने के बाद से ही ग्रामीण भयभीत हैं कि घटना से गुस्साए जंगली हाथियों का झुंड गांव में हमला न कर दें। हाथी के मरने के बाद से ही ग्रामीण दहशत में हैं। आंडा गांव में शुक्रवार की रात को पहुंचे जंगली हाथियों का झुंड किसी व्यक्ति या मकान को तो नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन खेतों में लगी फसल और खलिहान में रखे धान को अपना आहार बनाया. हाथियों के झुंड ने आंडा के वीरेंद्र नाथ महतो, ईश्वर चंद्र महतो, बिरंची महतो, आदित्य महतो, गुरूचरण महतो, आमिन महतो समेत अन्य करीब एक दर्जन किसानों के खलिहान में रखे धान, खेत में लगाए गए आलू, पत्तागोभी आदि को अपना निवाला बनाया। हाथियों के झुंड ने फसल को रौंदकर नष्ट भी कर दिया। जंगली हाथियों का झुंड आसपास के क्षेत्र में अपना डेरा जमा लिया है। ग्रामीणों को अंदेशा है कि जंगली हाथियों का झुंड अपने बिछड़े साथी से मिलने फिर से गांव ओर रूख करेंगे।



























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