नई दिल्ली। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत एक और कीर्तिमान रचने के बेहद करीब है। शनिवार शाम 4 बजे भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल वन अपनी मंजिल पर पहुंचेगा। आदित्य को पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर एल वन (लैंग्रेज प्वाइंट) प्वाइंट के पास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। अपने इस महत्वाकांक्षी मिशन के आखिरी चरण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पूरी तरह तैयार है।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से इसरो के इतिहास रचने का सिलसिला जारी है। नये साल की शुरुआत ब्लैक हॉल के अध्ययन के लिए सैटेलाइट लॉन्च कर इसरो ने दुनिया में धाक जमाई। इसी कड़ी में भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल वन शनिवार शाम 4 बजे अपने लक्ष्य पर पहुंचेगा। इसरो इसे कमांड देकर एल वन प्वाइंट की हेलो ऑर्बिट पर पहुंचाएगी। इसके साथ ही 2 सितंबर को 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सूर्य के लिए शुरू हुआ 15 लाख किमी का सफर अपने मुकाम पर पहुंच जाएगा।
सूर्य के अध्ययन के लिए देश का यह पहला मिशन है। इस मिशन की सफलता पर अमेरिका के बाद केवल भारत ऐसा देश होगा जिसका अंतरिक्ष यान इस प्वाइंट तक पहुंचेगा। आदित्य एल वन मिशन को पांच साल के लिए बनाया गया है। हालांकि अगर सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है। सूर्य से जुड़ा डेटा भेज सकता है।
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