मंजीत कोड़ा ने कहा ऐसा खेल से हमारे समाज का वतावरण खराब होता है। मेला असमाजिक प्रवृति के लोगों का जुटान होता है। लोग मेला में अपने बच्चों या परिवार के साथ पूजा अर्चना या मेला का आनंद लेने पहुंचते है। लेकिन मेले या माता के दरबार के दर्शन से पहले जुआ और शराब का दर्शन होता है। जुआ के अलावे अंग्रेजी शराब, देशी शराब का खुला कारोबार चलाया गया है l श्री कोड़ा ने बताया की मेला के दिनों में ऐसा अवैध कारोबार को रोक लगाने के लिये जगन्नाथपुर अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश मछुवा से आग्रह किया गया।
उनके कार्यालय से जगन्नाथपुर थाना, जेटेया थाना को पत्र प्रेषित कर रोक लगाने का आदेश दिया था। लेकिन उनके आदेशों का भी अवहेलना किया। जेटेया थाना के कातीकोड़ा में जमकर जुआ का खेल हुआ। मेला में सजी शराब की दुकानों में जमके शराब की बिक्री हुई। यहाँ 15 एवं 16 जनवरी को मेला का आयोजन होगा।
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