Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में लोक अदालत में 381 मामलों का हुआ निष्पादन, 2,47,250 /– का हुआ समायोजन, Under the aegis of District Legal Services Authority Chaibasa, 381 cases were executed in Lok Adalat, adjustment of Rs. 2,47,250/- was made.


रैफरल जजों और मध्यस्थो के मध्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित

चक्रधरपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में स्थानीय सिविल कोर्ट परिसर में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया इस दौरान गठित 7 बेंचों ने मामलों की सुनवाई करते हुए कुल 381 मुद्दों का सफल निष्पादन किया तथा 247250/– ( दो लाख सैंतालीस हज़ार दो सौ पचास) की राशि का समायोजन भी हुआ, प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार प्रत्येक माह लोक अदालत का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग अपने सुलहनीय मामलों के निष्पादन के लिए अपील कर सकते हैं, उन्होंने आगे बताया कि आज के लोक अदालत में गठित सात बेंचों में न्यायिक पदाधिकारियों  ओम प्रकाश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, सूर्य भूषण ओझा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय, विनोद कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, राजीव कुमार सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, तौसीफ मेराज, अनुमंडल दंडाधिकारी सदर, अमिकर परवार, रेलवे दंडाधिकारी,  ऋषि कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी शामिल थे।


रैफरल जजों और मध्यस्थो के मध्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित : झारखंड राज्य सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में कोर्ट परिसर स्थित मीटिंग हॉल में न्यायिक पदाधिकारियों और मध्यस्थ अधिवक्ताओं के बीच आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से मामलों के निष्पादन को सुलभ और सहज बनाना था।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश  विश्वनाथ शुक्ला ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका की विशेषताओं का वर्णन किया तथा इसके और प्रभावी बनाने पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राजीव कुमार सिंह ने बताया कि यह विवाद सुलझाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ (मीडिएटर) निष्प्रभावी एवं निर्विकार व्यक्ति के रूप में, विवाद ग्रस्त पक्षकारों को एक ऐसे समझौते के लिये तैयार करता है जिस पर पक्षकारों की सहमति होती है।


प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे किसी भी मामले के सकारात्मक निष्पादन की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया, मौके पर उपस्थित अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार रखें। बैठक में  सभी न्यायिक पदाधिकारीगण और अधिवक्तागण शामिल थे। उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने दी।

No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template