कराईकेला अस्पताल में डॉक्टर एवं नर्सों की भारी कमी
चक्रधरपुर। पश्चिम सिंहभूम जिला के बंदगांव प्रखंड के कराईकेला उप स्वास्थ्य केंद्र में सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहा है। इस अस्पताल में मरीज को इलाज के लिए डॉक्टर या समुचित मात्रा में दवाई तक उपलब्ध नहीं है। इसकी सूचना मिलने पर समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने कराईकेलाअस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ग्रामीणो ने बताया कि बंदगांव प्रखंड के घाटी के नीचे 6 पंचायत कराईकेला, नकटी, हुडंगदा,भालुपानी,ओटार एवं लान्डुपदा पंचायत के 50हजार की आबादी में इस अस्पताल में डॉक्टर नहीं है।
सिर्फ यहां शुक्रवार को ही कुछ देर के लिये एक डॉक्टर आते है.जब कि 6 दिन कोई इलाज ही नहीं होता है। जिससे यहां के लोगों को चिकित्सा सुविधा के लिए अनुमंडल अस्पताल चक्रधरपुर जाना पड़ता है। जिससे लोगों को समय के साथ-साथ पैसे की भी खर्च होती है। कई बार ग्रामीणों ने सिविल सर्जन से मांग किया कि अस्पताल में समुचित मात्रा में दवा एवं मरीजों का बेड़ की सुविधा उपलब्ध कराया जाए।
जब की यहां मरीजों का इलाज के लिए बेड की सुविधा नहीं है. जबकि टेबो घाटी में आए दिन सड़क दुर्घटना होती रहती है। कई बार इलाज के अभाव में ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है। मगर अब तक इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई। यहां प्रतिदिन महिलाओं का बगैर डॉक्टर की उपस्थिति में प्रसव भी होता है। जब की महीने में करीब 45 से 50 महिलाओं का यहां प्रसव होता है। ग्रामीणों ने डॉ विजय सिंह गागराई से मांग किया कि यहां डॉक्टर प्रतिदिन 24 घंटा उपलब्ध हो और समुचित मात्रा में दवाई समेत अन्य सामग्री भी उपलब्ध हो।
यहां नियमित रूप से सभी रोगों का जांच भी किया जाए। एन एच 75 से लेकर अस्पताल तक सड़क का निर्माण किया जाय.अस्पताल का चारदीवारी का निर्माण किया जाय.भारी बारिश में अस्पताल का सोलर क्षतिग्रस्त हो गया है आप बिजली व्यवस्था इस अस्पताल में दुरुस्त किया जाए। ग्रामीणो ने कहा कि कराईकेला उप स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना काल के पूर्व नियमित रूप से डॉक्टर की उपस्थिति रहती थी। मगर इधर कुछ सालों से यहां डॉक्टर की उपस्थिति नगण्य हो गई है। जिससे कराईकेला वासियों में भी आक्रोश का माहौल है। बंदगांव घाटी नीचे एक भी अस्पताल में डॉक्टर नहीं है।
यहां झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे ही मरीज का इलाज होता है। इन दोनों घर-घर में सर्दी खांसी व बुखार के मरीज है .जिससे ग्रामीण काफी परेशान है। मगर कराईकेला वासियों का यह दुर्भाग्य है कि यहां सरकारी डॉक्टर एवं चिकित्सा सुविधा नहीं है, जबकि यहां पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से भी ग्रामीणों ने कराईकेला स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की उपस्थिति एवं अस्पताल भवन की निर्माण की मांग की थी। यह भवन आज भी आधा अधूरा बना है। मरीज को इलाज के लिए एक भी बेड उपलब्ध नहीं है। मरीज को सिर्फ खानापूर्ति के लिए कुछ दवाई दी जाती है। मरीज की भर्ती की सुविधा नहीं होने से एवं डॉक्टर नहीं रहने से ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति नाराजगी व्याप्त है। सारी समस्याओं को जानने के बाद ड़ॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि सारी समस्याओं की जानकारी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को दी जाएगी एवं इस अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। इस मौके पर पूर्व मुखिया राजेंद्र मेलगांडी,20 सूत्री सदस्य महेश प्रसाद साहू, अरूप चटर्जी,पवन महतो समेत अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
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