Chakradharpur. पश्चिमी सिंहभूम जिला के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र बंदगांव प्रखंड की करिका गांव में रविवार को भगवान बिरसा मुण्डा मेमोरियल क्लब के ओर से उत्क्रमित मध्य सह उच्च विद्यालय परिसर में धरती आबा शहीद बिरसा मुण्डा का शदाहत दिवस मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक सुखराम उरांव उपस्थित थे. मौके पर मौजूद सभी ने भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस अवसर पर आयोजन कमिटी की ओर से पारम्परिक रूप से मुख्य अतिथी का स्वागत गाजे बाजे के साथ किया गया.
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए विधायक सूखराम उरांव ने बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा ने देश और समाज को बचाने के लिए अपना जीवन न्यौछावर किया, युवा अवस्था में अंग्रेजों के दमन के खिलाफ आवाज उठाया, अंग्रेजों के बंदूक सेना का सामना अदम्य साहस का परिचय देते हुए तीर धनुष से किया.अंग्रेजों के दांत खट्टे किए, आने वाली पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि बिरसा मुण्डा ने हम सभी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर किया.
उन्होंने कहा भगवान बिरसा मुंडा को पूरा देश याद कर रहा है. भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल, जमीन की रक्षा करते हुये अपनी कुर्बानी दी थी.उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जमींदारी प्रथा के खिलाफ आवाज उठायी थी. अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया, जिसके कारण अंग्रेज उनकेे पीछे पड़ गये. कम उम्र में ही अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. रांची जेल में 9 जून को उनकी मृत्यु हो गई. इस मौके पर झामुमो युवा नेता सन्नी उरांव ने कहा की भगवान बिरसा मुंडा ने देश को अंग्रेजों से आजाद पड़ गये. कम उम्र में ही अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. रांची जेल में 9 जून को उनकी मृत्यु हो गई.
कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष जदुराय मुंडरी ने कहा कि हम सभी को भगवान बिरसा मुंडा के बताए मार्ग पर चलने की जरूरत है.उन्होंने कहा की भगवान बिरसा मुंडा ने देश को अंग्रेजों से आजाद दिलाने में अपना अहम योगदान निभाया. हम सभी भगवान बिरसा मुंडा के शहादत को भुला नहीं सकते. इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि पीरु हेम्ब्रम,मिथुन गागराई,सन्नी उरांव,प्रखंड अध्यक्ष लखन हेम्ब्रम, आलोक मुंडू,विवेक सिंह विक्की,शंकर नायक,विकास हेम्ब्रम, किशुन हेम्ब्रम, गोपाल मुंडरी,जुरा मुन्डा, जाबोर मुन्डा, किनूराम मुन्डा, किनू मुन्डा, नारा मुन्डु, सनिका मुन्डु, बिरसिंह बोदरा, सिरका टोपनो, कान्डे मुन्डा, किशुन राय मुन्डा, बिरा बोदरा आदि उपस्थित थे.
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