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Chaibasa. मेघाहातुबुरु खदान में संयुक्त मोर्चा मजदूर संगठनों का प्रदर्शन, स्थानांतरण रद्द और अन्य मांगों पर प्रबंधन से वार्ता, Demonstration of United Front labor organizations in Meghahatuburu mine, talks with management on cancellation of transfer and other demands,


Guwa (Sandeep Gupta) । मेघाहातुबुरु खदान में मजदूर संगठनों का प्रदर्शन, स्थानांतरण रद्द और अन्य मांगों पर प्रबंधन से वार्ता मेघाहातुबुरु खदान में विभिन्न मजदूर संगठनों से बने संयुक्त मोर्चा ने 10 जनवरी की सुबह 9 बजे सेल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर एक घंटे तक खदान का उत्पादन ठप रखा। प्रदर्शन के बाद, मोर्चा ने खदान के प्रभारी सीजीएम संजय कुमार सिंह को मांग पत्र सौंपा और वार्ता की। सीजीएम ने मोर्चा से 15 दिनों का समय मांगा ताकि उनकी मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जा सके और समाधान का प्रयास किया जा सके।



संयुक्त मोर्चा की मुख्य मांगें हैं कि अभिजीत कुमार का स्थानांतरण रद्द हो, मेघाहातुबुरु खदान के अधिकारी अभिजीत कुमार (डीएम, एचआर) का स्थानांतरण किरीबुरु किया गया है, जिसे रद्द कर उन्हें यहीं पदस्थापित करने की मांग की गई। मोर्चा ने बताया कि उनके कार्यकाल में खदान के संचालन और कर्मचारियों के कल्याण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। महाप्रबंधक (एचआर) विकास दयाल का स्थानांतरण चिड़िया खदान में कर दिया गया है, और किरीबुरु के उप महाप्रबंधक (एचआर) अमित कुमार विश्वास को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। मोर्चा ने इस व्यवस्था को गलत बताते हुए खदान के लिए एक स्थायी एचआर प्रमुख की मांग की, क्योंकि अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारी दोनों खदानों पर समान ध्यान नहीं दे सकते।



गजट में संशोधन तक खदान में बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू न करने की मांग की गई। सेल अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की स्थायी और त्वरित नियुक्ति की मांग की गई। खदान से प्रभावित सीएसआर गांवों के मरीजों को अस्पताल में सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई। संयुक्त मोर्चा ने बताया कि अभिजीत कुमार ने अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने लंबित संपत्ति विवादों का समाधान किया, कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच बेहतर संबंध बनाए और ट्रेड यूनियनों के साथ संवाद को मजबूत किया। उनके प्रयासों से खदान में संगठनात्मक स्थिरता और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा। मोर्चा ने कहा कि एचआर प्रमुख के पद पर स्थायित्व की कमी से खदान के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पूर्व में भी अतिरिक्त प्रभार के कारण कर्मचारियों की शिकायतों का समाधान देर से हुआ और आईआर समस्याएं बढ़ीं। संयुक्त मोर्चा ने कहा कि यदि प्रबंधन शांतिपूर्ण औद्योगिक संबंध बनाए रखना चाहता है, तो इन मांगों पर विचार करे। 



अन्यथा, प्रबंधन संघ द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा। प्रबंधन द्वारा 15 दिनों में समाधान का आश्वासन दिए जाने के बावजूद, मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रबंधन और मजदूर संगठन के बीच बातचीत से क्या समाधान निकलता है।



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