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Chaibasa. सारंडा के ग्रामीणों की समस्याओं पर प्रशासन गंभीर, समाधान के लिए विशेष बैठक 20 मार्च को संपन्न, Administration is serious about the problems of the villagers of Saranda, special meeting for solution was held on 20th March,


Guwa (Sandeep Gupta) । सेल की गुवा खदान से प्रभावित सारंडा के गांवों के मानकी-मुंडाओं, प्रखंड प्रमुख, मुखिया और ग्रामीणों के साथ एक विशेष बैठक का आयोजन जामकुंडिया गांव में किया गया। इस बैठक में मनोहरपुर के बीडीओ, कल्याण पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में ग्रामीणों ने गुवा खदान से निकलने वाले लाल पानी, मिट्टी, पत्थर आदि से उनकी रैयत भूमि, नदी-नाले और पशुधन पर पड़ रहे दुष्प्रभावों पर चिंता जताई। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उन्हें समाधान का भरोसा दिया। 


अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर एक विशेष बैठक 20 मार्च को जगन्नाथपुर में एसडीओ की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रभावित गांवों के मानकी-मुंडा और अन्य प्रबुद्ध लोग शामिल होंगे। इससे पहले, पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय में उपायुक्त कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में एक समन्वय बैठक आयोजित की गई थी। उस बैठक में उपायुक्त ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। जगन्नाथपुर अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे सेल अधिकारियों और प्रभावित रैयतों की उपस्थिति में रोजगारपरक एवं विकासात्मक कार्यों को लेकर विशेष बैठक करें। सेल अधिकारियों को खदान से निकलने वाले लाल पानी, मिट्टी और डस्ट के प्रवाह को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए। 



जिला कृषि पदाधिकारी को प्रभावित भूमि और आसपास के खेतों की मिट्टी की जांच कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी और जिला उद्यान पदाधिकारी को प्रभावित ग्रामीणों को विभागीय योजनाओं के तहत सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए। जेएसएलपीएस को प्रभावित महिलाओं को आजीविका, स्वरोजगार और अन्य कार्यक्रमों से जोड़ने की पहल करने को कहा गया।पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को प्रभावित गांवों में जल स्रोतों का निरीक्षण करने और आवश्यकतानुसार नए जल स्रोत निर्माण की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। 



उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों, सेल अधिकारियों और रैयतों को आपसी समन्वय स्थापित कर प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का आकलन करने और सीएसआर फंड के माध्यम से सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि ग्रामीणों को अधिकतम लाभ मिल सके। 20 मार्च को होने वाली बैठक में प्रशासन और ग्रामीणों के बीच क्या ठोस निर्णय लिए जाते हैं, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने में सफल रहेगा।



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