Guwa (Sandeep Gupta) । मेघाहातुबुरु महिला समिति एवं सेल, मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के समापन समारोह का आयोजन 8 मार्च शनिवार देर शाम को भव्य और ऐतिहासिक रूप से सामुदायिक भवन, मेघाहातुबुरु में किया गया। इस अवसर पर समाज में महिलाओं के योगदान, उनकी उपलब्धियों और सशक्तिकरण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेलबम एवं सीजीएम आर. पी. सेलबम उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आईएफएस अनुराधा मिश्रा, सारंडा डीएफओ अविरुप सिन्हा, डा. नंदी जेराई, रंजू शाह, पुष्पा सुमन, सुनीता थापा, सुषमा योगेश राम, सीजीएम एस. एस. शाह, महाप्रबंधक ए. के. पटनायक, महाप्रबंधक योगेश प्रसाद राम, महाप्रबंधक बी. के. सुमन, महाप्रबंधक के. बी. थापा, महाप्रबंधक मनीष राय सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मुख्य अतिथि सीजीएम आर. पी. सेलबम ने अपने संबोधन में कहा कि सेल प्रबंधन एवं मेघाहातुबुरु के अधिकारी महिलाओं को निरंतर सम्मान देने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए प्रयासरत हैं। महिलाओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उनकी क्षमता को सामने लाने और उन्हें एक नई पहचान देने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने घोषणा की कि मई के अंत या जून के पहले सप्ताह तक महिलाओं के लिए एक भव्य फूड फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेलबम के नेतृत्व में 22 फरवरी से 6 मार्च तक आयोजित प्रतियोगिताओं एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समापन समारोह ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इस आयोजन के माध्यम से कई महिलाओं की छुपी हुई प्रतिभा उजागर हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज महिलाएं पुरुषों के समान नहीं, बल्कि कई क्षेत्रों में उनसे आगे निकल चुकी हैं। महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेलबम ने कहा कि इस वर्ष का थीम समानता की ओर तेज कदम महिलाओं के हक और हक़ीक़त की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सपनों को रूढ़िवादी सोच से दबाया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा महिलाओं को वास्तविक समानता का अधिकार मिलना चाहिए। उनके योगदान को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा परिवार, समाज और देश प्रगति करता है। महिला दिवस केवल जश्न मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह बदलाव लाने का संकल्प लेने का भी दिन है।
उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं आज अबला नहीं हैं। वे हर क्षेत्र में अपनी योग्यता और प्रतिभा से अपनी पहचान बना चुकी हैं। सारंडा डीएफओ अविरुप सिन्हा ने महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा हम जो भी कुछ देख रहे हैं, जो भी अस्तित्व में है, वह महिलाओं की वजह से ही है। एक माँ के रूप में, एक बहन के रूप में, एक पत्नी के रूप में महिलाओं ने समाज को संवारने और दिशा देने का कार्य किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की प्रतिभा को केवल घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रखा जा सकता। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। संगीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, समानता और स्वतंत्रता का संदेश दिया गया। समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता महिलाओं को सीजीएम आर. पी. सेलबम और महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेलबम ने स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन नीलम वर्मा और रीता सिंह ने कुशलता से किया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिए विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जिसमें बास्केट बॉल थ्रो में विवाहित: रानी बोइपाई, रोशनी मुखी, जोंगा देवगम। अविवाहित: सोनाली कुमारी, उर्वशी कुमारी, मिठु कुमारी पान। हॉकी बॉल थ्रो में विवाहित: रुचिस्मिता दास, ग्रेसी बोदरा, तिलोतमा महतो।
अविवाहित: सोनी गोप, हिना नायक, प्रीटिना गोप। शॉट पुट थ्रो में विवाहित: तिनानी टुडू, पुनम कुमारी, लवली पूर्ति। अविवाहित: अंजलि गोंड, उर्वशी कुमारी, सुनीता गोप। थ्री-लेग रेस में विवाहित: रिंकी हेम्ब्रोम - पुष्पा शर्मा,तिनानी टुडू - रानी बोइपाई,पुनम सिधु - सुमित्रा देवी।अविवाहित: प्रतिमा गोप - दिव्या गोप,कृति पूर्ति - निकी रजवार,मिठू कुमारी पान - सुनीता कुमारी पान। 100 मीटर दौड़ में विवाहित: निशा सुरीन, अनिता बारवा, पुष्पा शर्मा।अविवाहित: उर्वशी कुमारी पान, अंजलि चौधरी, दिव्या गोप। म्यूजिकल रन में रोशनी बिरूली, लवली देवी, ए.बाडिंग। बैडमिंटन डबल्स में डॉ. अर्चना बेक - रानी बोइपाई,संगीता पूर्ति - राजकुमारी पूर्ति,पूनम कर्मकार - अंजलि गोंड, सिंगल्स में डॉ. अर्चना बेक,सन्मयी सिंह,राजकुमारी पूर्ति। सांस्कृतिक एवं रचनात्मक अल्पना प्रतियोगिता में प्रशस्ति नायक, तिलोत्तमा महतो, सुपमा बारीक, नवोनिता गोंड, रुचिस्मिता दास, रोशनी मुखी।
रंगोली प्रतियोगिता में प्रीति रजक, नवोनिता गोंड, पल्लवी लक्कवार, मीनू नायक, अनिता जामुदा, रोशनी मुखी नृत्य प्रतियोगिता में एकल नृत्य (विवाहित): कुमारी वनीधा, नवनीता गोंड, लक्ष्मी टुटी, एलिज़ाबेथ पुरती। एकल नृत्य (अविवाहित): श्वेता जसवाल, अंजलि गोंड, पायल प्रिया पूर्ति। समूह नृत्य में ग्रेजी क्वीन ग्रुप: पुष्पा शर्मा, रिंकी, राई बानरा, सरिता गोंड, सरोज, यशमती हेम्ब्रोम। डांसिंग दिवस ग्रुप में रेखा मंडल, यशमीन, नवोनिता गोंड, अमिता बारी।
ओन्नू ग्रुप: ओन्नु, अंजलि, कीर्ति, रितिका, मेलोडी ग्रुप: रजनी रजक, मीनू महतो, वंदना सेन गुप्ता, लक्ष्मी टुटी। आदिवासी लोक नृत्य: अंजलि गुड़िया, मधुप्रिया बानरा, शिवानी लागुरी। अंताक्षरी प्रतियोगिता में नीलम वर्मा - श्रुति स्नेहा - पिंकी यादव, राई बनरा - रिंकी - रुचिस्मिता, रेणुका - रीता सिंह - सुनीता मन्ना, मंजा कौर - मामुनि गोराई - माला राज, रिंकी सिंह - श्वेता जयसवाल - सुमन मुंडू, उषा देवी - उषा रजक - मनोदीप मुखी, अन्नू कुमारी - प्रिया सिंह - गुड़िया।
फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में रेखा पूर्ति, सरोजिनी महंता, खुशबू तिवारी। कैरम प्रतियोगिता में सिंगल्स: निकी रजवार, एलिज़ाबेथ पुरती, रीना रजवार। डबल्स: रुचिस्मिता दास - अंजू बासु दास,सीमा वर्मा - तन्मय राउत,निकी रजवार - रितिका रजवार,ब्रेड आधारित पकवान प्रतियोगिता में शारदा देवी, ज्योति पासवान - पिंकी गुप्ता - सुनीता बानसिंह, अफ़रीन - नीलम वर्मा - प्रिया गुप्ता। दहीबाड़ा प्रतियोगिता में शरमानी डे - जुबेदा खातून, स्वर्ण मंजरी - सोमा सरकार, चित्रा देवी - एस गायत्री - सहनाज बेगम, रिंकी सिंह (जज स्पेशल निर्देशित) फन गेम (इन-आउट गेम) में डॉ. वंदना, सोनाली कुमारी, श्रुति सिंह। फन गेम (बिस्किट गेम) में डॉ. वंदना, तिलोत्तमा महतो, पूनम कुमारी को पुरस्कृत किया गया। इस आयोजन में उप महाप्रबंधक संजय कुमार, संदीप भारद्वाज, सहायक महाप्रबंधक डॉ. मनोज कुमार, आलोक वर्मा, मोहन कुमार, मृत्युंजय कुमार, मुखिया लिपि मुंडा, वीर सिंह मुंडा, बीरबल गुड़िया, अफताब आलम, ए. यू. नायक, राज कुमार प्रसाद, जगदीप महाराणा, लक्की राम गुंडुवा, गोवर्धन शर्मा, पियुष गोप, लाको धनवार, खुर्शीद मंसूरी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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