Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template
NewsLite - Magazine & News Blogger Template

Jamshedpur. टाटा स्टील फाउंडेशन ने किया जनजातीय संगीत महोत्सव ‘सरजोम बा’ का आयोजन , Tata Steel Foundation organized tribal music festival 'Sarjom Ba',



  • पारंपरिक संगीत और वाद्ययंत्रों के संरक्षण व संवर्धन की अनूठी पहल

Jamshedpur (Nagendra) । आपने बॉलीवुड धुनों पर थिरकते हुए कई शामें बिताई होंगी, लेकिन क्या कभी जनजातीय संगीत की धुनों पर झूमने का अनुभव किया है? ‘सरजोम बा’ – यह सिर्फ एक महोत्सव नहीं, बल्कि सुकिंदा की मिट्टी से जुड़ी लोकसंस्कृति का उत्सव है, जो ओडिशा के जाजपुर जिले में अपनी सुरमयी छटा बिखेर रहा है। शनिवार की संध्या, जब सप्ताह का थकान भुलाने का सही वक्त था, तब सुकिंदा घाटी के जनजातीय कलाकारों ने अपने अनूठे लोकसंगीत और पारंपरिक वाद्ययंत्रों से ऐसा समां बांधा कि हर कोई संगीत के जादू में डूब गया। तालों की गूंज, वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि और पारंपरिक नृत्य की मोहक लय ने माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा टाटा स्टील के सुकिंदा क्रोमाइट माइंस परिसर में पारंपरिक संगीत प्रस्तुतियों को पुनर्जीवित करने और लुप्त होती, लेकिन मनमोहक वाद्ययंत्रों के बारे में जानने के उद्देश्य से किया गया था। 


300 से अधिक जनजातीय संगीतकार और नृत्यकार अपने पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ यहां जुटे थे, जिन्होंने दर्शकों को एक अनोखा और सुरम्य अनुभव दिया। तुमड़ा, तमाक, सकवा, झुमका, घुमरा और करतल की मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुनों पर श्रोता और संगीत प्रेमी खुद को रोक नहीं पाए। इस पहल पर अपने विचार साझा करते हुए टाटा स्टील के फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (FAMD) के एग्जीक्यूटिव-इन-चार्ज, पंकज सतीजा ने कहा, "हम अपनी जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के प्रति प्रतिबद्ध हैं। लोक संगीत और नृत्य हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, जो हमारी सफलताओं, संघर्षों, आकांक्षाओं और चुनौतियों को दर्शाते हैं। ‘सरजोम बा’ सिर्फ संगीत और नृत्य का उत्सव नहीं, बल्कि समावेशिता को बढ़ावा देने और हमारी समृद्ध जनजातीय परंपराओं व विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"संताल, सबर, भूमिज और हो जैसी जनजातियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और अपने शानदार संगीत एवं नृत्य प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। 



‘सरजोम बा’ शब्द दो संथाली शब्दों से मिलकर बना है – ‘सरजोम’ जिसका अर्थ साल का पेड़ है और ‘बाहा’ जिसका अर्थ फूल होता है। यह कार्यक्रम संताल जनजाति के बाहा पर्व के दौरान आयोजित किया जाता है, जो जंगल से लघु वनोपज संग्रह करने की शुरुआत का प्रतीक है। इस अवसर पर समुदाय के लोग पारंपरिक पूजा, नृत्य, गीत और उल्लास से भरपूर उत्सव मनाते हैं। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, टाटा स्टील फाउंडेशन ‘सरजोम बा’ कार्यक्रम को बाहा पर्व के साथ जोड़कर हर वर्ष इस आयोजन को विशेष रूप से इसी समय आयोजित करता है। इस वर्ष, पांच जनजातीय संगीत केंद्र, जो पिछले वर्ष के ‘सरजोम बा’ कार्यक्रम के परिणामस्वरूप स्थापित किए गए थे, इस महोत्सव में एक साथ प्रस्तुति देने पहुंचे। 



इन केंद्रों के कलाकारों ने विभिन्न अवसरों से जुड़े पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत किया और लोकसंस्कृति को संरक्षित व प्रोत्साहित करने का संदेश दिया। इस अवसर पर टाटा स्टील के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमोद कुमार, हेड (एडमिनिस्ट्रेशन), एफएएमडी; निहार रंजन मित्र, सीनियर एरिया मैनेजर (माइनिंग ऑपरेशन), एफएएमडी; और देबंजन मुखर्जी, हेड, कलिंगानगर इम्पैक्ट क्लस्टर, टाटा स्टील फाउंडेशन शामिल थे।



No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template