Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template
NewsLite - Magazine & News Blogger Template

Mumbai. सनातन धर्म के युवा प्रचारक और वैदिक ज्योतिष के विद्वान : अरिपिराला योगानंद शास्त्री, Young preacher of Sanatan Dharma and scholar of Vedic astrology: Aripirala Yogananda Shastri


Mumbai (Kali Das) गऊ भारत भारती समाचारपत्र  द्वारा आयोजित सर्वोतम सम्मान समारोह में जगत गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरा नन्द के हाथों 'सर्वोतम सम्मान' से सम्मानित किए जाने के बाद से सनातन धर्म के युवा प्रचारक और वैदिक ज्योतिष के विद्वान अरिपिराला योगानंद शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं। वैसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को संजोए रखने वाले सनातन धर्म के प्रचार में कई व्यक्तित्व अपना योगदान दे रहे हैं, परन्तु मात्र 11 वर्ष की उम्र में महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी से पीएचडी प्राप्त करने वाले योगानंद शास्त्री उन सभी धर्म प्रचारकों के बीच अपनी विशिष्ट कायम करने में कामयाब रहे हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अरिपिराला योगानंद शास्त्री की प्रशंसा में पत्र जारी कर अरिपिराला योगानंद शास्त्री को भारत का लाल कहा है। अभी हाल ही में अरिपिराला योगानंद शास्त्री दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला से मिल कर अपने ज्ञान का परिचय दिया है। विदित हो कि सनातन धर्म के युवा प्रचारक और वैदिक ज्योतिष के विद्वान अरिपिराला योगानंद शास्त्री को 15 सितंबर 2024 को हैदराबाद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध शांति पुरस्कार 2024 में श्री विष्णु देव वर्मा (तेलंगाना के राज्यपाल) से ज्योतिष में युवा उपलब्धि पुरस्कार और उपाधि, 14 फरवरी 2025 को शिमला में आयोजित क्रिएटर्स एंड बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025 में शिव प्रताप शुक्ला (हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल) से ज्योतिष में युवा उपलब्धि पुरस्कार और उपाधि,  राम निवास गोयल जी (दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष) से ​​भारत सम्मान निधि पुरस्कार, जगदंबिका पाल (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) और रघुराज सिंह (यूपी के श्रम और रोजगार मंत्री) से ज्योतिष में राष्ट्रीय प्रतीक पुरस्कार, ज्योतिष कला विशारद पुरस्कार एवं मानद डॉक्टरेट की उपाधि दिगंबर कामत (मुख्यमंत्री, गोवा) से, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार माननीय न्यायमूर्ति डॉ. के.जी. बालकृष्णन (मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय) से एवं श्रीमती मानषी रॉय (प्रथम महिला एवं भारतीय उद्योग परिसंघ की पूर्व महानिदेशक) तथा मदन लाल (पूर्व दिग्गज क्रिकेटर) द्वारा ज्योतिष में युवा शोधकर्ता पुरस्कार, माननीय न्यायमूर्ति अनंग कुमार पटनायक जी (उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वर्तमान में किशोर न्याय समिति) एवं मेजर जनरल संजय सोई [सेवानिवृत्त] वर्तमान में (प्रेसीडेंसी सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष) से राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है इसके अलावा फग्गन सिंह कुलस्ते जी (भारत के ग्रामीण विकास मंत्री) व विंदू दारा सिंह (पहलवान एवं अभिनेता) और विनय चौधरी (राष्ट्रीय सह-प्रभारी, भाजपा) के द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।


प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा - अरिपिराला योगानंद शास्त्री का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं का गहरा प्रभाव था। बचपन से ही उनकी रुचि वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्र की ओर रही। उनकी असाधारण बुद्धि और सीखने की ललक ने उन्हें छोटी उम्र में ही वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी, जो वैदिक ज्योतिष और सनातन ज्ञान का एक प्रतिष्ठित केंद्र है, वहां उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा और 11 साल की उम्र में डिग्री हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि उम्र ज्ञान और समर्पण की राह में बाधा नहीं बन सकती।


सनातन धर्म के प्रति समर्पण - योगानंद शास्त्री का जीवन सनातन धर्म के प्रचार के लिए समर्पित है। वे मानते हैं कि आज के आधुनिक युग में युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए वे विभिन्न मंचों, प्रवचनों और लेखों के माध्यम से सनातन धर्म के मूल्यों, जैसे कर्म, धर्म, और मोक्ष की अवधारणाओं को सरल भाषा में समझाते हैं। उनका मानना है कि वैदिक ज्योतिष न केवल भविष्य की भविष्यवाणी का साधन है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने वाला एक मार्गदर्शक भी है।


वैदिक ज्योतिष में योगदान - अपनी कम उम्र के बावजूद, योगानंद शास्त्री ने ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में गहरी समझ विकसित की है। वे ग्रहों की चाल, नक्षत्रों के प्रभाव और कुंडली विश्लेषण के जरिए लोगों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन देते हैं। उनकी खासियत यह है कि वे जटिल ज्योतिषीय सिद्धांतों को आम लोगों के लिए आसान बनाते हैं, जिससे यह ज्ञान सभी तक पहुंच सके। उनकी यह क्षमता उन्हें एक प्रभावशाली शिक्षक और प्रचारक बनाती है।


प्रेरणा का स्रोत - अरिपिराला योगानंद शास्त्री आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि यदि मन में लगन और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। वे कहते हैं, "सनातन धर्म हमारी पहचान है, और इसे जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।" उनकी यह सोच और कार्यशैली उन्हें न केवल एक विद्वान, बल्कि एक सच्चे धर्म प्रचारक के रूप में स्थापित करती है।


भविष्य की राह - मात्र 11 वर्ष की उम्र में इतना कुछ हासिल करने के बाद भी योगानंद शास्त्री रुकने का नाम नहीं ले रहे। वे भविष्य में सनातन धर्म और वैदिक ज्योतिष के प्रचार को वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इसके लिए वे डिजिटल माध्यमों का भी सहारा ले रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी तक यह ज्ञान पहुंच सके। अरिपिराला योगानंद शास्त्री जैसे युवा सनातन धर्म की ध्वजा को ऊंचा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी यह यात्रा न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्चा ज्ञान और समर्पण किसी भी उम्र में चमत्कार कर सकता है।




No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template