Jamshedpur (Nagendra) । पूर्वी सिंहभूम जिले के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में अब जिले के ही बच्चे पढ़ेंगे। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं। बैठक में विधायक संजीव सरदार और समीर मोहंती भी मौजूद थे। बैठक में जानकारी मिली कि जिले के कई आदिवासी बच्चों को अन्य जिलों, विशेष रूप से चतरा स्थित एकलव्य विद्यालय में भेजा जा रहा था। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए मंत्री सोरेन ने स्पष्ट किया कि जिले के बच्चों को यहीं पर शिक्षा दी जाएगी और उन्हें बाहर नहीं भेजा जाएगा। बैठक के दौरान पता चला कि केंद्र सरकार से अभी तक स्कूल परिचालन के लिए फंड आवंटित नहीं किया गया है। इसी कारण छात्रावास और अन्य आवश्यक खर्चों को वहन करने में दिक्कत हो रही है, जिससे कई बच्चों का दाखिला नहीं हो सका है।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाया है, उन्हें जल्द ही विद्यालय में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। पूर्वी सिंहभूम जिले में पांच एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (गुड़ाबांदा, बहरागोड़ा, पोटका, डुमरिया और धालभूमगढ़) संचालित होने हैं। इनमें गुड़ाबांदा को छोड़कर बाकी विद्यालयों में इस सत्र से पढ़ाई शुरू करने की तैयारी चल रही है। बैठक में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जिले के सभी निजी स्कूलों को सरकार के नियमों के तहत संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। विधायक संजीव सरदार ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए अधिकारियों को सख्ती बरतनी होगी।
उन्होंने कहा कि कॉपी-किताबों की अनिवार्य खरीद समेत अन्य मामलों में लगातार शिकायतें मिल रही हैं। सरकार के नियमों का पालन हो, इसके लिए सभी निजी स्कूलों की निगरानी की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करें और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें।
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