Jamshedpur (Nagendra) । सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक "कथा मंजरी" सह साहित्यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' जयंती समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका तथा संचालन साहित्य समिति के राजेन्द्र साह 'राज' ने की। दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। सरस्वती वंदना डाॅ० वीणा पाण्डेय 'भारती' ने प्रस्तुत किया। स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने दिया। तदनुपरान्त हरिऔध जी का संक्षिप्त साहित्यिक जीवन परिचय अशोक पाठक 'स्नेही' एवं डाॅ० अरुण सज्जन ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दुसरे सत्र 'कथा मंजरी' के मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल 16 कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त अरुण कुमार तिवारी ने अपने धन्यवाद ज्ञापन के दौरान की.
कहानी का शीर्षक- वसंत जमशेदपुरी (बदलते रिश्ते), राजेश चरण (भावुक भास्कर), ममता कर्ण 'मनस्वी' (भाग्य का दोष), वीणा कुमारी नंदिनी (लाज), भंजदेव देवेन्द्र कुमार 'व्यथित' (मैं वही), श्रीमती नीता सागर चौधरी (तलाक), हरिमित्तल (बुलेट वाला डाक्टर), श्रीमती अनिता निधि (बटवारा), डाॅ० अरुण कुमार शर्मा (मैं तुम्हें इतना प्यार करता हूँ), डाॅ० उदय प्रताप हयात (रक्षक), निशांत सिंह (एक ऐसा भी मजदूर), श्रीमती मंजु कुमारी (दाग), श्रीमती अरुणा झा (बेटों वाली माँ), डाॅ० वीणा पाण्डेय 'भारती' (आखिर कब तक), कन्हैया लाल अग्रवाल (पराकाष्ठ), राजेन्द्र साह 'राज' (आवेश).
इस अवसर पर मुख्य रुप से अरुण कुमार तिवारी, यमुना तिवारी 'व्यथित', डाॅ० अजय कुमार ओझा, कैलाश नाथ शर्मा 'गाजीपुरी', नीता सागर चौधरी, वसंत जमशेदपुरी, वीणा पाण्डेय 'भारती', माधुरी मिश्रा, हरभजन सिंह रहबर, दिनेश चन्द्र पाण्डेय, कन्हैया लाल अग्रवाल, अनिता निधि, बलविन्दर सिंह , राजेन्द्र साह 'राज', विद्या शंकर विद्यार्थी , जितेश कुमार तिवारी , अजय प्रजापति , कवलेश्वर पाण्डेय सहित अनेक साहित्यकारों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में गत २२ अप्रैल को कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम कस्बे में आतंकवादियो द्वारा हिन्दु पर्यटकों की हत्या का घोर निंदा करते हुए दिवंगत आत्माओं की चिरशांति हेतु दो मिनट की मौन प्रार्थना की गई।
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