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सारंडा में पेयजल संकट पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा गंगदा पंचायत के 14 गांवों में 10 दिनों से पानी नहीं, 30 मई से सड़क जाम की चेतावनी, Villagers' anger erupted over drinking water crisis in Saranda, there is no water in 14 villages of Gangda Panchayat for 10 days, warning of road blockage from May 30


Guwa (Sandeep Gupta) । सारंडा के गंगदा पंचायत क्षेत्र के 14 गांवों के हजारों ग्रामीण इस भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। दोदारी जलापूर्ति योजना के तहत चल रहे डब्लूटीपी और जलमीनारों को बिजली आपूर्ति ठप हो चुकी है। बताया जा रहा है कि जल परियोजना के लिए बिजली विभाग को बकाया राशि नहीं चुकाई गई, जिसके कारण विभाग ने बिजली कनेक्शन काट दिया है। दो सरकारी विभागों के बीच सामंजस्य की कमी ने आम जनता को प्यासा छोड़ दिया है। सरकार की बहुप्रचारित पेयजल योजना के तहत पंचायत के सभी घरों में नल कनेक्शन देने की घोषणा की गई थी। लेकिन योजना शुरू हुए पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी अधिकांश घरों में नल कनेक्शन नहीं दिया गया है। कई गांवों में पाइप लाइन तक नहीं बिछाई गई है, और जहां बिछाई गई है, वहां पानी नहीं पहुंच रहा। काशिया-पेचा गांव स्थित जलमीनार से आज तक एक बूंद पानी नहीं निकला, जिससे कई गांव योजना के लाभ से वंचित हैं। पानी संकट से नाराज ग्रामीणों ने मुखिया सह सारंडा विकास समिति के अध्यक्ष सुखराम सांडिल उर्फ राजू सांडिल की अध्यक्षता में बैठक की।


बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अगर प्रशासन 29 मई तक स्थायी समाधान नहीं करता है, तो 30 मई से सलाई चौक के पास मुख्य सड़क को अनिश्चितकालीन रूप से जाम किया जाएगा। मुखिया राजू सांडिल ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,सरकार ने पानी रूपी खाना दिया है, लेकिन उसमें कंकड़ और पत्थर मिला कर। न उसे उगलते बन रहा है और न निगलते। लौह अयस्क से सरकार को हर साल करोड़ों की आमदनी होती है, डीएमएफटी फंड भी आता है, लेकिन क्षेत्र की जनता शुद्ध पानी के लिए तरस रही है। यह इस राज्य और सरकार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।



मुखिया ने आगे कहा कि गंगदा पंचायत के अधिकांश गांव सेल की गुवा व चिड़िया खदान क्षेत्र के सीएसआर दायरे में आते हैं। इसके बावजूद दोनों खदान प्रबंधन पंचायत के गांवों में न तो सोलर जलमीनार लगा रहे हैं, न डीप बोरवेल। इससे यह स्पष्ट होता है कि खदानों से केवल खनिज लूट हो रही है, क्षेत्र के विकास की चिंता किसी को नहीं। बैठक में प्रदीप सिद्धू, कमलेश्वर दास, रामाय पूर्ति, बागी चाम्पिया, डंका चैंपियन, सुखलाल दास, मनबोध चाम्पिया, मनसा पूर्ति, संजय दास, जेना चाम्पिया, बागान गोप समेत पंचायत के दर्जनों गांवों के प्रतिनिधि मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में प्रशासन को चेताया कि अगर इस बार समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।



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