Upgrade Jharkhand News. हम अपने जीवन में विश्वास को साख़, ऐतबार, भरोसा, यक़ीन आदि नामों से जानते हैं। यह एक अत्यंत कीमती भावना है, जो कठिन तपस्या और अनुभवों के पश्चात प्राप्त होती है। हर व्यक्ति इसमें दक्ष नहीं हो सकता, क्योंकि विश्वास करना अपने आप में एक बड़ी शक्ति है-यही वह डोर है जो हमें जीवन के संघर्षों से जोड़कर रखती है।
विश्वास जीवन की आधारशिला - विश्वास वह शक्ति है जिससे हम संसार को जीतने की क्षमता प्राप्त करते हैं। जब हम स्वयं पर या किसी अन्य पर विश्वास करते हैं, तब यह हमारे रब (ईश्वर) पर हमारी आस्था का भी प्रतीक होता है। यह भावना हमारे मन में उत्साह का संचार करती है, और कठिन समय में भी हमें सकारात्मकता की ओर प्रेरित करती है। हमारे जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा घटित होता है, वह हमारे रब की मर्ज़ी से ही होता है। वही है जो हमारी परेशानियों को दूर करने की क्षमता रखता है। यह विश्वास ही हमें दुखों और चुनौतियों से लडऩे की ताक़त देता है। भविष्य अनिश्चित है, लेकिन विश्वास सुनिश्चित करता है,किसी को नहीं पता कि हमारे जीवन में आगे क्या घटेगा, हम आज जीवित हैं कल न हों, फिर भी हम अपने विश्वास की डोर थामे आगे बढ़ते रहते हैं। यही विश्वास हमें आशा देता है कि हर परिस्थिति के पार भी कुछ बेहतर छिपा है। विश्वास प्रेम का दूसरा रूप: प्रेम और विश्वास एक-दूसरे के पूरक हैं। विश्वास वह आशा है जो हमें अपने रब पर यक़ीन करना सिखाती है। इसकी ताक़त से बड़े से बड़े कार्य भी सरल हो जाते हैं, जबकि इसके बिना छोटे कार्य भी कठिन प्रतीत होते हैं।
विश्वास को समझें कुछ महत्वपूर्ण बिंदु- विश्वास एक सीमा तक ही उचित होता है; इसकी अति अंधविश्वास बन जाती है, जो हानिकारक होती है। हमें सदैव विश्वास की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। किसी का विश्वास जीतने के लिए, पहले उसके प्रति सच्चे और ईमानदार रहें। स्वयं पर विश्वास करें, यही आत्मविश्वास की नींव है। विश्वास संघर्ष की स्थिति में भी शक्ति देता है। यह धर्म, नीति और समाज का आधार है। विश्वसनीय लोगों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। विश्वास का धागा कच्चा होता है एक बार टूट जाए तो फिर से जुडऩा कठिन होता है। विश्वास कमाने में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन टूटने में एक क्षण ही पर्याप्त होता है। संबंधों में विश्वास को कभी भी परिस्थितियों के आगे टूटने न दें।
निष्कर्ष: विश्वास हमारे जीवन की बुनियाद है। इसके बिना न तो संबंध बनते हैं, न ही मन की शांति मिलती है। यह आत्मबल देता है, प्रेम को गहराता है और हमें ईश्वर से जोड़ता है। इसीलिए, कभी न टूटे विश्वास की डोर... यही जीवन की सच्ची जीत है। डॉ. फ़ौजिय़ा नसीम 'शाद
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