Upgrade Jharkhand News. अति सर्वत्र वर्जयेत। यदि नागरिक अपने नागरिक अधिकारों के चलते अपने नागरिक होने का दायित्व भूल जाए तथा राष्ट्रविरोधी कार्यों में उनकी भागीदारी सिद्ध हो,तो किसी भी राष्ट्र के लिए इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति नहीं हो सकती। आतंकवादियों के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत की गई कठोर कार्यवाही के उपरांत देश में शत्रु समर्थक एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों की जिस प्रकार से धरपकड़ की जा रही है,उससे लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को अक्षुण्य रखने के लिए करो या मरो की स्थिति आ गई है। वर्तमान में जिस प्रकार से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले तत्वों का राजफाश हो रहा है, उससे यही प्रतीत होता है कि कोई भी राष्ट्र भले ही कितना सुदृढ़ हो, वह विदेशी शत्रुओं से तब तक नहीं हारता, जब तक तक कि उसकी आस्तीन में पले सांप उससे गद्दारी नहीं करते। हरियाणा की यू ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी तथा शत्रुओं को संवेदनशील खुफिया सूचनाएं देने वाले तत्वों की धरपकड़ से यह सिद्ध हो गया है कि देश को इतना खतरा देश के दुश्मनों से नहीं, जितना खतरा सोशल मीडिया तथा अन्य संचार माध्यमों से देश के साथ विश्वासघात करने वाले यूट्यूबर्स से है। यूँ तो देश के आंतरिक दुश्मनों से निपटने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जाते हैं, फिर भी असामाजिक और राष्ट्र विरोधी तत्व अपने निहित स्वार्थों के चलते देश को कमजोर करने वाले षड्यंत्रों में भागीदारी करने से बाज नहीं आते। ज्योति मल्होत्रा सिर्फ एक उदाहरण भर है।
देश में न जाने कितने यूट्यूबर्स ऐसे हैं, जिनका कार्य ही मनगढ़ंत अफवाह फैलाकर सरकार को बदनाम करना तथा दुश्मन देशों की भारत विरोधी मानसिकता का समर्थन करना है। यदि ऐसा न होता, तो पाकिस्तान सहित अनेक देश ऐसे तत्वों के बयानों तथा यूट्यूब चैनल पर परोसी गई सामग्री को भारत के विरोध में प्रचारित न करते। यहाँ यह कहावत सटीक सिद्ध होती है कि जब अपना ही सिक्का खोटा हो, अपनी ही आस्तीन में छिपे साँप अपना ज़हर उगल रहे हों, तो दूसरे के सिक्के को कोई खोटा कैसे बताए। कौन नहीं जानता कि भारत में यूट्यब चैनल भी बड़े व्यवसाय का रूप लेते जा रहे हैं। सच को छिपा कर झूठ की पाठशाला चलाने वाले कुछ पत्रकार इस क्षेत्र में उतर कर अपनी कमाई में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि कर रहे हैं। यह जाँच का विषय है कि महंगे स्टूडियो में बैठकर झूठे विमर्श गढ़ना जिनकी फ़ितरत में शामिल है, वे हवाई यात्रायें और महंगे शौक के चलते यूट्यूब चैनलों के संचालन हेतु अर्थ नियोजन कैसे करते हैं ? ऐसे में आवश्यक है कि भारत विरोधी विमर्श निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने वाले यूट्यूब चैनलों द्वारा प्रसारित प्रत्ययों का परीक्षण किया जाए तथा जो भी भारत के विरुद्ध प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष षड्यंत्र में सम्मिलित पाया जाए, उसके विरुद्ध आपराधिक दण्ड विधान के अनुसार कठोर कार्यवाही की जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति, यूट्यूब चैनल भारत विरोधी किसी भी गतिविधि में सम्मिलित होने का दुस्साहस न कर सके। डॉ. सुधाकर आशावादी
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