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Chaibasa. बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली पर हुई सुनवाई बेनतीजा, मामला जायेगा उपरी न्यायालय, Hearing on biometric attendance system inconclusive, case will go to higher court


Guwa (Sandeep Gupta) । सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय, चाईबासा के कार्यालय में किरीबुरु खदान में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू किए जाने के मुद्दे पर अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, किरीबुरु और सेल प्रबंधन के बीच तीखी बहस देखी गई। अंततः यह सुनवाई किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँच सकी और सहायक श्रम आयुक्त ने इसे उपरी अदालत में भेजने का निर्णय लिया, जिसे मजदूर संघ ने स्वीकार कर लिया। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट कहा कि जब तक किरीबुरु खदान के स्टैंडिंग ऑर्डर में बायोमेट्रिक प्रणाली को लेकर संशोधन नहीं किया जाता, तब तक इसे लागू करना गैरकानूनी होगा। इस संदर्भ में उठाए गए कई सवालों पर प्रबंधन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला। नो कमेंट कहकर टालमटोल की गई, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और गहराया। 



झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने यह भी दोहराया कि किसी भी संस्था में उपस्थिति केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे वेतन और सुरक्षा से जुड़ा मामला है। जब उपस्थिति प्रणाली में गड़बड़ी होगी, तो कर्मचारियों की तनख्वाह और भविष्य दोनों पर असर पड़ेगा। इस समय किरीबुरु खदान में मैनुअल उपस्थिति प्रणाली लागू है, जिसे प्रबंधन बायोमेट्रिक मशीन से बदलने की योजना बना रहा है। संगठन का कहना है कि यदि प्रबंधन इस प्रणाली को अनिवार्य बनाना चाहता है, तो पहले उसे स्टैंडिंग ऑर्डर में संशोधन करना होगा। लेकिन प्रबंधन इस प्रक्रिया से बचता नजर आ रहा है। सुनवाई के दौरान झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की ओर से केंद्रीय अध्यक्ष रामा पाण्डे, उपाध्यक्ष बुधन सिंह कुंकल, महामंत्री राजेंद्र सिंधिया, संयुक्त महामंत्री सुनील कुमार पासवान, संगठन सचिव लखन चाम्पिया और सदस्य प्रेम कुमार उपस्थित रहे। वहीं प्रबंधन की ओर से उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) के अमित विश्वास ने पक्ष रखा। संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पाण्डे ने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा और यदि जरूरत पड़ी तो संगठन हाई कोर्ट तक भी जाने के लिए तैयार है। सुनवाई के अंत में सहायक श्रम आयुक्त ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले को उपरी न्यायालय के पास भेजने का निर्णय लिया। 



झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने इस फैसले को स्वीकार करते हुए कहा कि वह हर स्तर पर श्रमिक हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा। सुनवाई की खबर मिलते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के जिलाध्यक्ष चाईबासा सर्किट हाउस पहुंचे और मजदूर संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने संगठन की पूरी बात ध्यान से सुनी और राज्य सरकार के समक्ष इन मुद्दों को उठाने का भरोसा दिलाया। बैठक में यह मांग भी रखी गई कि स्थानीय बहाली प्रक्रिया में स्थानीय रोजगार संस्था के माध्यम से ही नियुक्तियाँ की जाएँ। यह मांग भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप बताई गई और इसे राज्य सरकार के समक्ष रखने की बात कही गई।



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