Guwa (Sandeep Gupta) । झारखण्ड मज़दूर संघर्ष संघ के महामंत्री राजेंद्र सिंधिया ने किरीबुरू जेनरल अस्पताल में सेल गुवा और सेल बोलानी की भाँति किरीबुरू खदान में भी फिजिओथेरेपी चिकित्सा की व्यवस्था की माँग की है। इसको लेकर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने किरीबुरू सेल प्रबंधन झारखंड खान समूह को मांग पत्र सौंपा गया है। उन्होंने अपनी मांग पत्र में लिखा हैं कि किरीबुरू जेनरल अस्पताल में सेल गुवा और सेल बोलानी की भाँति किरीबुरू खदान में भी फिजिओथेरेपी चिकित्सा की व्यवस्था की जाए। ताकि सेल किरीबुरू खदान में कार्यरत नियमित कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों एवं ठेका श्रमिकों को इस चिकिस्ता का सुविधा उपलब्ध हो सके। सेल को लाभान्वित करने में कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिवार वालों का प्रत्यक्ष हो अथवा परोक्ष में इनका अहम् भूमिका हैं। क्योंकि ये लोग अपने जीवन के स्वर्णिम क्षण को कंपनी के लिए न्योछावर कर रहे हैं। आज के व्यस्त जीवन में फिजिओथेरेपी चिकित्सा एक अहम् भूमिका निभाती है।
एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो लोगों को शारीरिक गतिविधियों को बेहतर बनाने, चोटों से उबरने, और दर्द से राहत देने में मदद करता है। आज के युग में, यह चिकिस्ता प्रणाली करीब करीब सभी अस्पतालों में उपलब्ध है अथवा उपलब्ध कराया जा रहा है। बाहर के अस्पतालों में यह सुविधा, सप्ताह में 2-3 सत्र (दिन) का होता है। एक सत्र में 30 से 90 मिनट का समय होता है। एक सत्र में क़रीबन 500/- से 300/- का लागत आता है। जो एक कर्मचारी के लिए वहन कर पाना संभव नहीं है। उन्हें आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। किरीबुरू से बाहर अस्पताल में जाने आने का खर्च, रहने का खर्च, खाने पीने का खर्च, साथ ही उपचार का खर्च। एक कर्मचारी के लिए इस राशि को वहन करना संभव नहीं होता है। ऊपर से फिजियोथेरेपी के लिए कोई भी रेफेरल नहीं किया जाता है। किरीबुरू खदान के अनेक कर्मचारी इसका शिकार हो रहे हैं। फिजियोथेरेपी में ऑर्थोपैडिक फिजियोथेरेपी मुख्य और सबसे आम है, जिसमे मस्कुलोस्केलेटल स्थितियों के निदान और उपचार पर केंद्रित है। इसमें हड्डियां, मांसपेशियां, स्नायुबंधन, टेंडन और जोड़ों से सम्बंधित समस्याएं पर उपचार किया जाता है।
किरीबुरू खदान में कार्य करने वाले अनेक कर्मचारी इन समस्या से अधिक पीड़ित हैं। अपने कर्मचारियों की स्वास्थ सुरक्षा को देखते हुए प्रबंधन को इस पर कार्य करने की आवश्यकता है। क्योंकि फिजियोथेरेपी लोगों को विकलांगता से राहत दिलाती है। अतः यह सुविधा हमारे अस्पताल में भी होनी चाहिए। उपरोक्त विषय के प्रति अपनी संवेदनशिलता दिखाते हुए एवं मानविकता के आधार पर फिजियोथेरेपी सुविधा, बोलानी एवं गुवा के भाँति किरीबुरू-मेघाहातुबुरु जनरल अस्पताल में उपलब्ध कराए ताकि क्षेत्रीय लोगों को उक्त चिकिस्ता प्राप्त कर सकें। प्राप्त जानकारी के अनुसार बोलानी एवं गुआ में यह सुवधा ठेका संस्थान के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। क्या उसी भांति किरीबुरू में नहीं हो सकता है।
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