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Jamshedpur. एमजीएम अस्पताल के कोरिडोर गिरने एवं चार मरीजों की मौत मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, National Human Rights Commission took cognizance of the case of collapse of corridor of MGM Hospital and death of four patients,


 

Jamshedpur (Nagendra) । झारखण्ड मानवाधिकार संगठन जेएचआरसी के प्रमुख मनोज मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एमजीएम अस्पताल में घटित हादसे मामले पर संज्ञान लेते हुए शिकायत वाद संख्या 53223/CR/2025 दर्ज किया है । श्री  मिश्रा ने बताया है कि अस्पताल के कोरिडोर गिरने के मामले पर उन्होने आयोग से शिकायत करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी।  जिसमे पुरे मामले पर उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग करते हुए दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गयी थी। मनोज मिश्रा ने बताया कि उन्होंने मामले की जानकारी झारखण्ड उच्च न्यायलय एवं मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को भी है। मनोज मिश्रा ने रिपोर्ट मे सवाल उठाया है कि साकची स्थित 60 वर्ष पुराने जर्जर अस्पताल बिल्डिंग से डिमना मे बने नए अस्पताल भवन मे मरीजों को समय रहते क्यों शिफ्ट नहीं किया जा सका ? इस बड़े लापरवाही के कारण चार निर्दोषों की जान गयी है, इसकी जबाबदेही तय होनी चाहिए। इससे जुड़े दोषियों पर हर हाल मे आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। 



उन्होंने कहा कि भवन निर्माण विभाग ने तीन वर्ष पूर्व इसी पुराने बिल्डिंग मे रिपेयर का काम किया था, उसके बाद भी उन्होने पुराने बिल्डिंग की जर्ज़र अवस्था को लेकर अबतक कोई कारगर कदम क्यों नहीं उठाया ? क्या उन्होंने पुराने अस्पताल भवन को कंडम घोषित किया था ? क्या उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को पुराने भवन की जर्जर एवं बेहद कमजोर स्तिथि की जानकारी या कोई नोटिस जारी किया था ? उन्होने कहा कि अस्पताल के भवनो का शेफटी ऑडिट क्यों नहीं कराया गया ? मनोज मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और जिला प्रशासन के बार बार के निर्देश के बाद भी अस्पताल के मरीजों को क्यों शिफ्ट नहीं किया गया ? इसकी जिम्मेवारी किसकी है ?नए अस्पताल भवन मे पानी की समस्या का समाधान इतने लंबे समय गुजरने के बाद भी क्यों नहीं किया गया, इसमें किसके स्तर पर गंभीर लापरवाही बरती गयी ? इन सभी मुद्दों पर उच्च स्तरीय जाँच किये जाने की जरूरत है। उन्होने बताया कि अपने नागरिकों को बेहतर ईलाज एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व एवं कर्तव्य क्षेत्र है, ऐसे मे गरीबो को ईलाज के बदले मौत परोसा गया जो असहनीय एवं अक्षम्य है। इस पुरे मामले मे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किये जाने की जरूरत है।



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