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Jamshedpur घाटशिला स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, धातकीडीह के बच्चे पहुंचे जमशेदपुर, लिटिल इप्टा और मेधावनी के बच्चों के साथ मिलकर देखा "सितारे जमीन पर", सिनेमा ने बच्चों को सिखलाया विशेष बच्चों के प्रति संवेदनशीलता का पाठ, Children of Ghatsila-based Upkramit Madhya Vidyalaya, Dhatkidih reached Jamshedpur, watched "Sitare Zameen Par" along with children of Little IPTA and Medhawani, the movie taught the children a lesson of sensitivity towards special children

 


  • डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे बच्चों के बास्केट बॉल टीम की है अनोखी कहानी है "सितारे जमीन पर", बच्चों के साथ ने कोच आमिर खान के जीवन को भी दिया सकारात्मक मोड, जो पहले बच्चों के लिए नहीं रखते से सही नजरिया 
  • फिल्म देख बच्चों ने सिखी फिल्म समीक्षा, चर्चा के दौरान फिल्म से मिली सीखो पर हुई चर्चा, हानिकारक ऑनलाइन कंटेंट, फिल्मों की पहचान करने व उनसे बचने पर भी मिली सीख
  • हूल दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों ने किया ट्राइबल कल्चर सेंटर का दौरा, संग्रहालय देख आदिवासी सभ्यता के समृद्ध विरासत से रूबरू हुए बच्चे
  • घाटशिला से आए बच्चों का जमशेदपुर भ्रमण करिश्मा शर्मा के सहयोग से हुआ आयोजित, जन्मदिन पर गांव के बच्चों के बांटी खुशियां

Upgrade Jharkhand News. बच्चों को ध्यान में रखकर कम ही फिल्में बनती है, आमिर खान की नई फिल्म "सितारे जमीन पर" की कहानी ना सिर्फ स्पेशली एबल्ड बच्चों के इर्द गिर्द गढ़ी गई है, बल्कि फिल्म में स्पेशली एबल्ड बच्चों ने प्रमुख किरदार भी निभाए है। यह सब देखना और महसूस करना हमें समाज व स्पेशल बच्चों के प्रति संवेदनशील बना सकता है। रविवार की सुबह पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, धातकीडीह के बच्चे और लिटिल इप्टा, जमशेदपुर के बाल कलाकार "सितारे जमीन पर" देखने गोलमुरी स्थित मिराज सिनेमा पहुंचे। वही बच्चों के साथ मेधावनी कलामंदिर की बच्चियां भी फिल्म देखने आई थी, जो जमशेदपुर के आस पास के कई गांवों से सिनेमाघर पहुंची थी। सभी उम्र के 70 लोगों के साथ मिलकर सिनेमा देखना और स्पेशल बच्चों व समाज से जुड़े कई भावनाओं व घटनाक्रमों पर बातचीत करना सभी के लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा। सुदूर गांव के सभी बच्चे पहली बार जिला मुख्यालय आए थे, उनके लिए बड़े पर्दे पर सिनेमा देखने का यह पहला अनुभव था। सिनेमाघर आकर सभी बच्चे बेहद उत्साहित दिखे।


लगभग 2 घंटे 40 मिनट की फिल्म देखने के बाद सभी बच्चे नॉर्दर्न टाऊन स्थित लिटिल इप्टा के पुस्तकालय पहुंचे, वहां पर सभी बच्चों ने फिल्म की कहानी पर चर्चा करते हुए बताया कि फिल्म के माध्यम से उन्हें सीख मिली कि समाज के लिए सभी लोग महत्वपूर्ण है, अगर कोई हमसे अलग है, या हम किसी से अलग है तो यह सामान्य बात है, हमें एक दूसरे को समझने का, घुलने मिलने का अवसर देना चाहिए। फिल्म की कहानी की समीक्षा करते हुए बच्चों ने बताया कि शराब पीकर गाड़ी चलाना बुरी बात है, फिल्म में आमिर खान बास्केट बॉल कोच थे, जब वह शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़े गए, तब उन्हें बच्चों के स्कूल में तीन महीने काम करने की सजा मिली। वहां के माहौल ने उनकी सोच बदल दी, फिर उन्होंने डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे स्पेशल बच्चों के साथ मिलकर इतनी मेहनत करी की "सितारे" टीम नेशनल प्रतियोगिता के फाइनल तक पहुंच गई।


फिल्म समाज में रह रहे सभी लोगों को समझने और सबको स्वीकार करने की सीख देती है, वही सभी के अंदर के खास विशेषता की खोज करने की प्रेरणा देती है। वही चर्चा के दौरान बच्चों को बताया गया कि हर सिनेमा या मोबाइल पर आ रहे सभी कंटेंट देखने लायक नहीं होते, हममें उपयोगी चीजों का चयन करने की समझ बनानी चाहिए, हानिकारक सामग्री या आदतें हमारे जीवन को बिना जाने ही गलत दिशा में ले जा सकते है। 


हूल दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों ने किया ट्राइबल कल्चर सेंटर का दौरा, संग्रहालय देख आदिवासी सभ्यता के समृद्ध विरासत से रूबरू हुए बच्चे:सुदूर गांवों में बड़े हो रहे बच्चों को आदिवासी सभ्यता और विभिन्न समुदायों की व्यापकता को समझने का अवसर कम ही मिल पाता है। आदिवासी सभ्यता के इतिहास को समझने बच्चे सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर संग्रहालय पहुंचे। वहां बच्चे संताल, हो, उरांव, मुंडा व झारखंड में निवास कर रहे 32 जनजातियों के बारे में अवगत हुए, संग्रहालय में प्रदर्शित चीजों को देखकर बच्चों ने आदिवासी इतिहास, रहन सहन, पहनावा, भाषा, खान पान, कृषि यंत्र, आभूषण व अन्य पहलुओं को जाना। सेंटर में प्रदर्शित बिरसा मुंडा, पंडित रघुनाथ मुर्मू, लाको बोदरा, सिदो कान्हु व अन्य प्रतिमाएं देखकर भी बच्चे काफी उत्साहित हुए, सभी की कहानी भी बच्चों को सुनाई गई। घाटशिला के धातकीडीह गांव से आए बच्चों का जमशेदपुर भ्रमण जुबिली पार्क के दौरे के साथ सम्पन्न हुआ। 


ग्रामीण बच्चों के एक्सपोजर हेतु फिल्म शो का आयोजन सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन की पहल पर किया गया था। वही कार्यक्रम को व्यापक रूप देने में लिटिल इप्टा, कलामंदिर व मिराज सिनेमा प्रबंधन का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम के दौरान उमवि धातकीडीह के प्राचार्य साजिद अहमद, निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार, इप्टा की अर्पिता, कलामंदिर से विपुल जी, नवोदय विद्यालय एलुमनी संतोषी गुप्ता, कलाकार इंद्रजीत महतो, फिल्मकार प्रकाश केसरी, कम्युनिटी टीचर माैमिता मुर्मू व अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे। सभी ने बच्चों के साथ अपने जीवन अनुभव और संबंधित जानकारियां भी साझा की, जिससे बच्चों के सकारात्मक व्यक्तित्व निर्माण व कैरियर में मदद मिले। घाटशिला से आए बच्चों का जमशेदपुर भ्रमण करिश्मा शर्मा जी के सहयोग से आयोजित हुआ। उन्होंने अपना जन्मदिन गांव के बच्चों के साथ खुशियां बांट मनाई। करिश्मा फ़ूडिवर्सल स्टूडियो की संस्थापक है, जो जमशेदपुर में शाकाहारी व्यंजनों की 22 से ज्यादा वेराइटी उपलब्ध करवाता है।



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