Jamshedpur (Nagendra)। संसाधनों की कमी रास्तों को मुश्किल जरूर बनाती है, लेकिन रचनात्मक सोच, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन की बदौलत काफी कुछ हासिल किया जा सकता है, जो आगे चलकर समाज के लिए प्रेरणादायक बनती है। यह कहानी है सुंदरनगर नरवा के नजदीक बसे गोड़ाडीह गांव के रहने वाले 17 वर्षीय सायरस कुमार दत्ता की। जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्र स्थित पीएम श्री उत्क्रमित उच्च विद्यालय खुकडाडीह के छात्र सायरस के द्वारा विज्ञान शिक्षिका कल्पना भकत के मार्गदर्शन में निर्मित विज्ञान मॉडल " खिड़की सीढ़ी इमरजेंसी एस्केप लैडर" जो किसी आपातकालीन स्थिति में फंसे लोगों की जान बचाने में कारगर हो सकता है, ने ना सिर्फ उसे 2024 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इंस्पायर मानक अवार्ड के राष्ट्रीय प्रतियोगिता में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया था।
वही अब उन्हें जापान सरकार के द्वारा चलाए जा रहे सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम के तहत जापान जाने का अवसर मिल रहा है। सायरस का खिड़की सीढ़ी "इमरजेंसी एस्केप लैडर" जापान में उन्हें भारत, मलेशिया, यूक्रेन और ताईवान के बच्चों के साथ जापान की राजधानी टोक्यो और आसपास के क्षेत्रों में स्थित आसाकुसा सेंटर, ओमिया किता हाई स्कूल, नेशनल म्यूजियम फॉर नेचर एंड साइंस, स्पेस सेंटर, मैथमैटिक्स एक्सपीरियंस प्लाज़ा, राइकेन कंप्यूटेशन सेंटर, तेपिया स्थित एडवांस टेक्नोलॉजी गैलरी इत्यादि का भ्रमण कर विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने का अवसर मिलेगा। जापान दौरे के लिए भारत के कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरला, दिल्ली, उत्तरप्रदेश समेत 20 राज्यों से कुल 54 बच्चों का चयन हुआ है, इनमें सायरस झारखंड के अकेले प्रतिभागी है। 15 से 21 जून के सात दिवसीय जापान दौरे के लिए सायरस अपने पिता प्रेमजीत कुमार दत्ता के साथ बृहस्पतिवार देर रात रांची रेलवे जंक्शन से दिल्ली को रवाना हुए।
सायरस के पिता ऑटो चालक है, बताते है कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बच्चा इतना कुछ कर पाएगा। सायरस ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता प्रेमजीत कुमार दत्ता, माता सुरूपा दत्ता, विज्ञान शिक्षिका कल्पना भगत, प्रधानाध्यापक अरुण कुमार व सभी शिक्षकों के अनुभवी मार्गदर्शन व सहयोग को दिया है। गोड़ाडीह गांव से निकलकर जापान जाना मेरे लिए सपने जैसा हैं। बताते चले कि सायरस को जापान जाने के लिए 14 जून को हवाई यात्रा का प्रबंध नई दिल्ली से भारत सरकार के द्वारा किया गया है, लेकिन गांव से दिल्ली आने जाने का खर्च कैसे जुटा पाएंगे, इसे लेकर सायरस के पिता काफी चिंतित थे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार की पहल पर विद्यालय के शिक्षक, विद्यालय प्रबन्धन समिति व विद्यालय से जुड़े समाजसेवी सहयोग जुटाने को लेकर सक्रिय थे। सायरस के दिल्ली रवाना होने से पहले गुरुवार को पीएम श्री उउवि खुकड़ाडीह में आयोजित समारोह में यूसिल जादूगोड़ा खान समूह के उप महाप्रबंधक एम माहली ने सायरस को सम्मानित करते हुए 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया।
उन्होंने बताया कि सायरस इलाके के विद्यार्थियों के लिए एक रोलमॉडल है। मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार, विज्ञान शिक्षिका कल्पना भगत, सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के तरुण कुमार मौजूद थे। पीरियड एंड साइंस जनअभियान के माध्यम से ग्रामीण इलाके में विज्ञान जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे तरुण ने सायरस के साथ अपने यादगार लंदन दौरे के अनुभवों को साझा करते हुए यात्रा में बरती जाने वाली जरूरी सावधानियों व तैयारियों के बारे में बताया। साथ ही यात्रा के अनुभवों व नेटवर्किंग से आगामी जीवन व कैरियर को बेहतर बनाने में किस तरह मदद मिल सकती है, इसपर भी विस्तार से चर्चा की गई।
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