Jamshedpur (Nagendra) । लायलोम ग्राम सभा भवन में डिमना डैम विस्थापितों द्वारा झारखंड के वरिष्ठ जन आंदोलनकारी स्व. कपूर बागी की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बोड़ाम प्रखंड के विस्थापित ग्रामीणों एवं जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। श्रद्धांजलि सभा में ग्राम प्रधान ने कहा कि कपूर बागी ने झारखंड मुक्ति वाहिनी के बैनर तले डिमना डैम विस्थापितों की आवाज़ को टाटा कंपनी और सरकार तक पहुँचाने का अहम कार्य किया था। उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज टाटा कंपनी विस्थापितों से वार्ता के लिए तैयार हुई है।
सभा में वक्ताओं ने भावुक होते हुए कहा कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई में कपूर बागी की भूमिका अमूल्य थी। वे तीन दिनों तक विस्थापितों के साथ जल सत्याग्रह में भी शामिल रहे। कपूर बागी न केवल झारखंड आंदोलन के एक मजबूत स्तंभ थे, बल्कि वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के भाई होते हुए भी एक साधारण जन नेता के रूप में जीवन जीते रहे। उन्होंने कभी सत्ता या पद का दुरुपयोग नहीं किया और हमेशा जमीनी हकीकत के साथ खड़े रहे। सभा में उनके द्वारा दिया गया प्रसिद्ध नारा भी गूंजा :
" सच कहना अगर बगावत है, तो समझो हम भी बागी हैं " ।
यह नारा आज भी जन आंदोलनों की चेतना को जीवित रखे हुए है और संघर्षशील जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। सभा के अंत में उपस्थित जनों ने कपूर बागी के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। डिमना डैम विस्थापितों ने यह स्पष्ट किया कि वे जल-जंगल-जमीन की रक्षा तथा पुनर्वास एवं अधिकारों की लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे, जब तक न्याय नहीं मिलता है ।
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