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Chaibasa पूर्व सेलकर्मी रंजन दास की मौत के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा, परिजन व मजदूर संगठन ने इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप After the death of former SAIL employee Ranjan Das, there was a ruckus in the hospital premises, family and labour union accused of negligence in treatment

 


Guwa (Sandeep Gupta) । किरीबुरु स्थित सेल अस्पताल में पूर्व सेलकर्मी रंजन दास की मौत के बाद रविवार को अस्पताल परिसर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। मृतक के परिजनों के साथ विभिन्न मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय लोग अस्पताल परिसर में शव के साथ जमा हो गए और मौत के पीछे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। परिजनों ने आरोप लगाया कि रंजन दास लंबे समय से किडनी फेल की गंभीर समस्या से पीड़ित थे और उनका नियमित डायलिसिस चल रहा था। बावजूद इसके समय पर उन्हें बड़े अस्पताल में रेफर नहीं किया गया, जिससे उनकी जान चली गई। मृतक के भाई संजय दास ने बताया कि दो दिन पहले ही रंजन दास को अस्पताल से छुट्टी मिली थी और वे घर लौटे थे। लेकिन 6 जुलाई की सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दोबारा सेल अस्पताल लाया गया। संजय दास के अनुसार, डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर में रंजन दास ने दम तोड़ दिया। 


उन्होंने कहा कि यह अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही का मामला है। हालांकि, प्रबंधन का कहना है कि रंजन दास के मामले में विशेष पहल करते हुये रेफर की प्रक्रिया फाइल के माध्यम से आगे बढ़ाई गई थी। लेकिन सेल में 'सैप' प्रणाली लागू होने से तकनीकी कारणों से रंजन दास का नाम सिस्टम में नहीं दिख रहा था, जिससे रेफरल में अड़चन उत्पन्न हुई। 



प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व में सीजीएम धीरेन्द्र मिश्रा की पत्नी के मामले में भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी। रंजन दास की मौत के बाद उनके परिजन, मजदूर संगठन के सदस्य और स्थानीय लोग शव के साथ अस्पताल परिसर में घंटों से जमे हैं। स्थिति को शांत करने के लिए सेल प्रबंधन के कई उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास करते रहे कि वे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाएं। हालांकि समाचार लिखे जाने तक लोग अस्पताल में ही डटे हुए थे। घटना के बाद मजदूर संगठनों ने रंजन दास की मौत को संस्थानिक लापरवाही करार देते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।



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