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Chaibasa चिकित्सा की अभाव में हो रहे मरीजों की मौत को लेकर संयुक्त यूनियन ने की बैठक The joint union held a meeting regarding the deaths of patients due to lack of medical treatment

 Guwa (Sandeep Gupta) । सोमवार देर शाम को संयुक्त यूनियन की एक विशेष बैठक किरीबुरु सामुदायिक केंद्र में संपन्न हुई। बैठक का मुख्य मुद्दा किरीबुरु मेघाहातूबरू जेनरल अस्पताल में  इलाज पर उठे सवालों पर हुई। बैठक की अध्यक्षता झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु के महामंत्री  राजेंद्र सिंधिया ने की। उपस्थित श्रमिक संगठन में झारखंड मजदूर यूनियन से अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह, राजीव शर्मा, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन ( चौबे ग्रुप ) से विद्युत सरकार, एव अन्य सदस्य शामिल रहे। इस दौरान दिवंगत रंजन कुमार दास के असमय निधन पर दुःख प्रकट किया गया और दो मिनट का मौन धारण किया गया। इस दौरान  बैठक में सभी ने एक मत से स्वीकार किया की अस्पताल में स्वास्थ सेवा ना के बराबर रह गयी है। सही वक्त पर सही ईलाज मिल पाना दूर्भर हो गया है। डॉक्टर की कमी और मरीजों की जांच के लिए मशीनों की कमी के कारण सही ईलाज मिल नहीं पा रहा है। साथ ही रेफर भी नहीं हो रहा है। 



जिसके कारण रंजन दास जैसे मरीजों को जान गवानी पड़ रहा है। ऐसी घटना दुबारा नहीं होना चाहिए। अगर डॉक्टर नहीं है या इसकी चिकिस्था इस अस्पताल में नहीं है तो अस्पताल प्रबंधन तुरंत इसे संज्ञान में लेते हुए रेफर कर देना चाहिए। जीवन अनमोल है इसके साथ खिलवाड नहीं होना चाहिए। डॉक्टर का काम जीवन देना है ना की जीवन लेना है। रंजन दास के निधन पर सिर्फ कुछ समय के लिए खदान बंद हुई। अगली बार बंद की कोई समय सीमा नहीं रहेगी। अस्पताल पर सेल प्रबंधन ठोस कदम उठाए। नहीं तो जवाब देही प्रबंधन की होगी। जान हथेली पर ले कर कर्मचारी उत्पादन दे रहे हैं और उन्हें और उनके परिवार को ऐसी चिकिस्था सविधा मिले तो सवाल उठना जायज है। किरीबुरु खदान में कार्यरत सभी ट्रेड यूनियन अस्पताल को लेकर कठोर कदम उठाने का निर्णय कर लिए हैं। 



एमआई  केस और मेडिकल रेफर केस को रिव्यु करने का समय आ गया है। इसमे जो कमी है उसे दूर करने की अवश्यकता है। भारतीय संविधान की वर्णित अनुछेद जीने की आज़ादी का हनन हो रहा है। एमआई केस में उस अधिकार का पूरा हनन किया गया है। सेल प्रबंधन और एनजेसीएस को इस मे सुधार लाने की आवश्यकता है। अन्यथा संविधान का अनुछेद की हनन होता रहेगा। अंत में सभी ने इस मुद्दे को हर प्लांट फॉर्म में उठाने का सहमति दिया तथा सभी कर्मचारीयों को एकत्र हो कर लडाई लड़ने की आग्रह किया गया। खदानों में सही चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने पर हो रही कर्मचारीयों की मौत पर चिंता जताया गया और रेफर नहीं होने पर रोष प्रकट किया गया।



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