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Chandil सिमडेगा पत्रकार संघ को झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्‍ट और झारखंड प्रेस क्‍लब से मिली संबंद्धता Simdega Journalist Association got affiliation from Jharkhand Union of Journalist and Jharkhand Press Club

 


  • सिमडेगा पत्रकार संघ की बैठक में पत्रकारों की चुनौतियों एवं समस्‍याओं पर चर्चा
  • संगठन को मज़बूत करने और पत्रकारों के सुरक्षा व अधिकारों पर उठी आवाज़
  • बैठक में प्रदेश अध्‍यक्ष शिव कुमार अग्रवाल, संयोजक रजत कुमार गुप्‍ता, सचिव रणधीर, कार्यालय अधिकारी विनय राज सहित जिले के 40 से भी अधिक पत्रकार हुए शामिल

Upgrade Jharkhand News. सिमडेगा सक्रिट हाउस में रविवार को सिमडेगा पत्रकार संघ की बैठक जिलाध्‍यक्ष आशीष शास्‍त्री की अध्‍यक्षता में हुई। मौके पर झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्‍ट व झारखंड प्रेस क्‍लब के प्रदेश अध्‍यक्ष शिव कुमार अग्रवाल, प्रदेश संयोजक रजत कुमार गुप्‍ता, प्रदेश सचिव रणधीर, प्रदेश कार्यालय अधिकारी विनय राज सहित जिले के 40 से भी अधिक पत्रकार उपस्थित थे। प्रदेश से आए अतिथियों का बुके देकर स्‍वागत किया गया। बैठक में जिले के पत्रकारों के मान सम्‍मान एवं उनके हो रही समस्‍याओं पर चर्चा की गई। वहीं जिले के सभी पत्रकारों का सामूहिक बीमा बरने एवं कोष गठन करने के लिए 11 लोगों का ट्रस्‍ट बनाने का निर्णय लिया गया। वही पत्रकारों को अपने दायरे और अधिकारों की पूरी जानकारी देने के लिए समय समय पर जिला व प्रखंड स्‍तर पर कार्यशाला का आयोजन करने पर भी चर्चा की गई। साथ ही पत्रकारिता से जुड़े बुनियादी ज्ञान और कौशल पर भी फोकस किया गया। 



बैठक में सिमडेगा पत्रकार संघ को झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्‍ट और झारखंड प्रेस क्‍लब से संबंद्धता संबंधी लेटर प्रदेश अध्‍यक्ष द्वारा जिलाध्‍यक्ष को सौंपा गया। संघ को झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्‍ट  और झारखंड प्रेस क्‍लब से संबंद्धता मिलने पर सभी लोगों ने हर्ष व्‍यक्‍त किया। बैठक में संघ के सचिव दीपक रिंकु ने अपने विचार रखते हुए पत्रकारों की समस्‍याओं की जानकारी दी। उन्‍होंने जिले में पत्रकारों की समस्याओं, उनके मान-सम्मान और सुरक्षा से जुड़ी कई जानकारी दी। साथ ही सभी पत्रकारों के भविष्य की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी दिए। बैठक में रविकांत मिश्रा व बिरेन्‍द्र तिवारी को जिला उपाध्‍यक्ष बनाया गया। मंच संचालन विकास साहू ने किया। मौके पर सुहैब शाहिद, अफजल इमाम, सुनील सहाय, श्रीराम पुरी, दीपक अग्रवाल रिंकू, मुकेश कुमार, विकास साहू, कुश बड़ाईक,अमन मिश्रा, राकेश जयसवाल, अनुज कुमार साहु, सुमंत कुमार, संजय कुमार केसरी, हलधर प्रसाद, कालो खलखो, बलभद्र बड़ाईक, भरत प्रसाद, चंद्रदेव सेनापति, रविकांत मिश्रा, पंचम प्रसाद, विवेक कुमार, अरुण कुमार, गौरव गौतम सिंह, राकेश कुमार यादव, धनुर्जय सिंह देव, दिनेश ठाकुर, पिंटु कुमार, अरुण राम,रोश ठाकुर, अलोक कुमार साहु, संगम साहु, अनुज कुमार साहु, मनोरंजन कुमार गुप्‍ता, मो तबरेज आलम आदि उपस्थित‍ थे। 


पत्रकारों को डराने-धमकाने वालों पर संघ करेगी कड़ी कारवाई: प्रदेश अध्‍यक्ष-मौके पर प्रदेश अध्‍यक्ष शिव कुमार अग्रवाल ने कहा कि जिले के पत्रकारों के सम्‍मान, उनकी सुरक्षा और अधिकारों के लिए प्रदेश कमेटी हर संभव सहयोग करेगी। उन्‍होंने कहा कि पत्रकारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और उनकी सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सीधी बातचीत की जाएगी। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को डराने-धमकाने की कोशिशें कभी कामयाब नहीं होंगी। अगर प्रशासनिक तंत्र में कोई अधिकारी पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि जिला से लेकर ग्रामीण स्तर तक संगठन को मज़बूत करना बेहद जरूरी है। संगठन मज़बूत रहेगा। तभी किसी भी समस्या का डटकर मुकाबला किया जा सकेगा। कोई भी समस्या आएगी, तो उसका समाधान के लिए संगठन कभी पीछे नहीं हटेगा। हमें एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी।


पेंशन योजना लागू कराने के लिए संघ लड़ रही है लंबी लड़ाई: रजत कुमार गुप्‍ता-बैठक में मौजूद प्रदेश संयोजक रजत कुमार गुप्‍ता ने भी कई अहम सुझाव दिए। उन्होंने पत्रकारों के दीर्घकालीन सामाजिक सुरक्षा पर भी जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि पत्रकारों के लिए पेंशन योजना लागू करने के लिए संघ लंबी लड़ाई लड़ रही है। इसके अलावे उन्‍होंने संघ की उपलब्धियों की जानकारी दी। मौके पर स्‍वागत भाषण जिलाध्‍यक्ष आशीष शास्‍त्री ने एवं धन्‍यवाद ज्ञापन श्रीराम पुरी ने किया।


पत्रकारों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर जताई गई चिंता-बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पत्रकारों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर भी चिंता व्यक्त की गई। कई पत्रकारों ने साझा किया कि जब वे जनहित की ख़बरें कवर करते हैं। तब कई बार प्रशासनिक दबाव का सामना करना पड़ता है। कुछ अधिकारियों द्वारा पत्रकारों से दुर्व्यवहार, अभद्र भाषा और गैरजरूरी पूछताछ की घटनाएं पत्रकारों को मानसिक और पेशेवर रूप से प्रभावित करती हैं। इस पर वक्ताओं ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि पत्रकार कोई अपराधी नहीं। बल्कि लोकतंत्र के स्तंभ हैं। ऐसे व्यवहार पर तत्काल रोक लगाने और उच्चस्तर पर इसकी शिकायत दर्ज कराने की ज़रूरत पर बल दिया गया।



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