Jamshedpur (Nagendra) । एक बहु-स्तरीय मार्केटिंग कंपनी Maxizone Touch Pvt. Ltd. में निवेश कर 13 लाख रुपये गंवाने वाली महिला निवेशक नेहा पॉल को उपभोक्ता आयोग ने बड़ी राहत दी है। उपभोक्ता आयोग ने इस मामले में कंपनी के निदेशकों और शाखा प्रबंधकों को दोषी ठहराते हुए कुल ₹8,38,000/- की मूल राशि वापसी के साथ ₹50,000/-का हर्जाना देने का भी आदेश सुनाया है। केस का सारांश यह है कि नेहा पॉल, निवासी मोहल्ला टुंगरी, चाईबासा ने Maxizone Touch Pvt. Ltd. में दिसंबर 2021 में कुल ₹13,00,000/- का निवेश किया था। कंपनी ने उन्हें 15% मासिक लाभ का लालच दिया था। लेकिन अप्रैल 2022 में कंपनी अचानक बंद हो गई, वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन और सभी संचार माध्यमों को हटा दिया गया और निवेशकों से संपर्क तोड़ लिया गया।
मूलभूत पक्ष में निम्न लोग हैं : --------
1. महेश्वर बेसरा असिस्टेंट मैनेजर (टेल्को कॉलोनी, जमशेदपुर)।
2. सूर्य नारायण पात्रो ब्रांच मैनेजर (हलुदबनी, जमशेदपुर)।
3. चंद्र भूषण सिंह निदेशक (राजनगर, गाज़ियाबाद)।
4. प्रियंका सिंह निदेशक की पत्नी (राजनगर, गाज़ियाबाद)।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि शिकायतकर्ता ने Google Pay व RTGS के माध्यम से निवेश राशि दी जिनमें ₹11 लाख अचिन्त्य कुमार दत्ता (शिकायतकर्ता के पिता) के नाम और ₹1 लाख अपने नाम तथा ₹1 लाख पति बिस्वा पॉल के नाम से निवेश किया गया था। कुछ राशि (₹4.62 लाख) कंपनी द्वारा वापस की गई, लेकिन शेष राशि लौटाने से इंकार कर दिया गया। वहीं उपभोक्ता आयोग ने चंद्र भूषण सिंह और प्रियंका सिंह को ₹8,38,000/- वापस करने का निर्देश दिया। साथ ही ₹50,000/- मानसिक प्रताड़ना और वाद खर्च के लिए देने का भी आदेश दिया गया। साथ ही महेश्वर बेसरा और सूर्य नारायण पात्रो को ₹25,000-₹25,000 मुआवज़ा देने का निर्देश दिया गया। फैसला में यह भी निर्देश दिया गया कि भुगतान 45 दिनों के भीतर करना अनिवार्य, अन्यथा 9% वार्षिक ब्याज लागू होगा। यह फैसला उन हज़ारों निवेशकों के लिए चेतावनी है जो लालच में आकर बिना वैध दस्तावेज़ के निवेश करते हैं। साथ ही यह उपभोवता आयोग की तत्परता को भी दर्शाता है जो आम नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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