Jamshedpur (Nagendra) । केरला पब्लिक स्कूल कदमा में सोमवार को प्रतिष्ठित फ्रैंक एंथोनी मेमोरियल अखिल भारतीय अंतर-विद्यालयी वाद-विवाद प्रतियोगिता के क्षेत्रीय दौर का गौरवपूर्वक आयोजन किया गया। इस आयोजन में 15 प्रमुख विद्यालयों के 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक दीप प्रज्जवलन और एक मधुर प्रार्थनागीत के साथ हुई। इसके बाद स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद केरला पब्लिक स्कूल कदमा की प्रधानाचार्या सुश्री शर्मिला मुखर्जी ने उपस्थित जनसमूह को एक गर्मजोशी भरा संबोधन दिया और सम्मानित निर्णायकों दिन के अध्यक्ष, प्रतिभागियों गणमान्स व्यक्तियों, श्रोताओं और अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
निर्णायकों के औपचारिक परिचय के बाद, वाद-विवाद का विषय घोषित किया गया, जो था 'शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) सुविधा संपन्न और वंचित छात्रों के बीच की खाई को चौड़ा करेगी।' प्रतिभागियोंने फ्रैंक एंथोनी मेमोरियल वाद-विवाद की भावना को कायम रखते हुए तार्किकसोच, सूझबूझ और स्पष्ट अभिव्यक्ति का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मुख्य रूप से डॉ. डीके धनजल (सेवानिवृत्त प्राचार्या ग्रेजुएट कॉलेज), डॉ बसुंधरा रॉय (कवि, आलोचक और सहायक प्रोफेसर, करीम सिटी कॉलेज) , डॉ. अनीता चौधरी (प्रोफेसर, अंग्रेजी और सांस्कृतिक अध्ययन विभाग, कोल्हान विश्वविद्यालय ), अध्यक्ष अभिषेक सिन्हा, सुश्री मनोरमा नायर चेयरपर्सन केपीएस स्कूल्स, शरत चंद्रन निदेशक केपीएस स्कूल्स, श्रीमती लक्ष्मी आर० अकादमिक निदेशक केपीएस स्कूल्स, श्रीमती शर्मिला मुखर्जी केपीएस प्रधानाध्यापिका कदमा, श्रीमती अलमेलु रविशंकर मुख्य अध्यापिका केपीएस कदमा आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में परिषद के दिशानिर्देशों के अनुसार निम्मलिखित श्रेणियों में सभी को योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जिनमें आरुषि कर (नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल) ,लक्षिता चौधरी (लोयोला सुकूल) ,नरभेराम हसराज इंग्लिश स्कूल ,कार्मेल जूनियर कॉलेज को क्रमशः विजेता टीम और प्रथम उपविजेता टीम फ्रैंक एंथनी मेमोरियल अंतर-विद्यालयी वाद-विवाद प्रतियोगिता के दूसरे चरण (चयन दौर) में क्षेत्रीय स्तर पर अन्ध्र क्षेत्रों के व्वालीफायरों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्वकरने का अवसर प्राप्त किया। परिणामों की औपचारिक घोषणा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जिसके बाद केरला पब्लिक स्कूल कदमा की प्रधानाध्यापिका सुश्री अलामेलु रविशंकर ने आभार व्यक्त किया। यह व्यावहारिक , आत्मविश्वास से भरी अभिव्यक्ति और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की जीवंत भावना से भरे एक दिन का समापन था- युवा बुद्धि और अभिव्यक्तिका एक सच्चा उत्सव।
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