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Jamshedpur जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार एवं सिविल डिफेंस की समीक्षा बैठक आयोजित, आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा कर डीसी दिए आवश्यक दिशा-निर्देश A review meeting of District Disaster Management Authority and Civil Defence was held, DC reviewed the disaster management preparations and gave necessary guidelines

 


Jamshedpur (Nagendra) । समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार एवं सिविल डिफेंस की समीक्षा बैठक आयोजित की गई । वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, एसडीओ धालभूम गौतम कुमार, विद्युत, अग्निशाम, रेलवे, सिविल डिफेंस, नगर निकाय, शिक्षा, भवन निर्माण, पेयजल एवं स्वच्छता, सुवर्णरेखा नहर प्रमंडल एवं सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना समेत अन्य सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी, आर्मी यूनिट, आरएएफ, सीआरपीएफ, झारखंड सशस्त्र बल के पदाधिकारी उपस्थित रहे। वहीं एसडीओ घाटशिला श्री सुनील चन्द्र एवं सभी बीडीओ, सीओ ऑनलाइन जुड़े। 


बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान में मौसम की परिस्थिति को देखते हुए आपदा की संवेदनशीलता बनी हुई है, जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे। समीक्षा के क्रम में भारी बारिश से मकान गिरने, पेड़ या दीवार गिरने तथा सड़क दुर्घटना  जैसी घटनाओं में हुई जानमाल की क्षति को त्वरित रूप से रिपोर्ट करने का निर्देश सभी सीओ को दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया शीघ्र की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मृत्यु से संबंधित मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रक्रिया में कोई अनावश्यक देरी न हो, सिविल सर्जन एमजीएम प्रबंदन से समन्वय बनाकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ससमय उपलब्ध कराने का प्रयास करें ताकि पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके।



समीक्षा के दौरान यह भी निर्देश दिया गया कि सरकारी भूमि पर बने आवासों को आपदा क्षति की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाए। अंचलाधिकारी स्थल सत्यापन के माध्यम से पात्रता की सघन जांच करें। वहीं, लगातार हुई बारिश के कारण सड़कों, पुलों या अन्य संरचनाओं को हुई क्षति की त्वरित रिपोर्टिंग का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जेई एवं पंचायत सचिवों के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार कर कंट्रोलिंग विभाग को भेजा जाए ताकि जरूरी मरम्मत कार्य शीघ्र आरंभ हो सके। उपायुक्त ने यह भी कहा कि किसी भी जर्जर सरकारी भवन, विशेषकर स्कूल, आंगनबाड़ी, या स्वास्थ्य केंद्र की छत गिरने की आशंका हो तो ऐसे भवनों की तत्काल रिपोर्टिंग करते हुए उन्हें सील कर सुरक्षित किया जाए तथा अग्रेतर कार्रवाई हेतु उपायुक्त कार्यालय को रिपोर्ट करें । धालभूम एवं घाटशिला अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारियों को भी प्रतिदिन प्राप्त मामलों की समीक्षा करने, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मिली सूचनाओं पर त्वरित संज्ञान लेने एवं जरूरतमंदों तक तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए। 



समीक्षा बैठक में सिविल डिफेंस, रेलवे, अग्निशाम विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों की आपदा प्रबंधन के दौरान तैयारियों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सिविल डिफेंस समेत सभी संबंधित विभाग के वॉलंटियर्स को संवेदनशील इलाकों में अलर्ट रखा जाए, विशेषकर निचले क्षेत्रों, नदी किनारे एवं शहरी बस्तियों में सतत उपस्थिति जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया कि सिविल डिफेंस द्वारा सामुदायिक जागरूकता अभियान, जलभराव वाले क्षेत्रों में राहत दल की तैनाती एवं आवश्यकता पड़ने पर आपात बचाव सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सिविल डिफेंस प्रभारी को निर्देशित किया गया कि वे अपने सभी स्वयंसेवकों की सूची अद्यतन रखें तथा उन्हें सक्रिय स्थिति में रखा जाए। किसी भी आपदा की सूचना मिलने पर राहत एवं बचाव कार्यों में इनकी तत्काल तैनाती सुनिश्चित हो।



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