Upgrade Jharkhand News. नीमडीह प्रखंड के नीमडीह मोड़ एवं झिमड़ी गांव में स्थित शहीद निर्मल महतो के चित्र पर प्रखंड अध्यक्ष सचिन महतो के नेतृत्व में झामुमो कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मौके पर सचिन गोप ने कहा कि सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले निर्मल महतो ने झारखंड अलग राज्य के लिए चलाये गये आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। झारखण्ड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन इनके आक्रामक छवि से काफी प्रभावित थे। उन्होंने झारखंड के सबसे बड़े छात्र संगठन ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) का गठन किया। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने इनकी आंदोलनकारी छवि को देखते हुए, उनको 1980 में झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल किया।
निर्मल महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो बार अध्यक्ष भी चुने गए। पहली बार 6 अप्रैल 1984 को बोकारो में झामुमो केंद्रीय समिति की बैठक में अध्यक्ष बने। उसके बाद 28 अप्रैल 1986 के दूसरे केंद्रीय महाधिवेशन में दूसरी बार निर्मल महतो को झारखंड मुक्ति मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया। वे जीवन के अंत तक झामुमो के अध्यक्ष बने रहें। इस अवसर पर सचिन गोप, हरिदास महतो, हरेकृष्ण सिंह सरदार, शंकर सिंह, टिंकू राम महतो, विशाल गोप, अरविंद महतो, सोनु महतो, नीलकमल महतो।

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