Upgrade Jharkhand News. । संस्था कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने सिखों के सर्वोच्च धार्मिक आस्था केंद्र श्री दरबार साहब स्वर्ण मंदिर का बुरा चाहने एवं सोचने की कल्पना करने वालों को इसे ढहाने वालों तथा उनके वंशजों के बुरे हाल से सबक लेने की सलाह दी है। इतिहास का हवाला देते हुए अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कहा कि चौथे गुरु रामदास जी ने गांव खरीद कर अमृतसर बसाया। गुरु रामदास जी के अधूरे कार्य को गुरु अर्जन देव जी ने पूरा किया। उन्होंने स्वर्ण मंदिर का निर्माण कार्य पूरा किया और यहां इसकी नींव मुस्लिम सूफी संत साईं मियां मीर ने रखी। यह एक ईश्वर की संतान और मानवता का संदेश देने वाला केंद्र है और यहां हिंदू मुस्लिम सिख अथवा वर्णों के आधार पर भेदभाव की गुंजाइश नहीं है।
इसको मटिया मेट कर सिख धर्म का नामो निशान मिटाने का संकल्प लेने वाले अहमद शाह अब्दाली और अफ़गानों तथा मुगलों का क्या हाल किया गया, उनके वंशज दुर्गति झेल रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस की भी यही स्थिति है। अब एआई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के मार्फत इसे ढहा देने की रील वायरल देश दुनिया में की गई। लेकिन केंद्र सरकार और पंजाब सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। एडवांस टेक्नोलॉजी और दुनिया में महान देश का दावा करने वाले भारत और पंजाब की जांच एजेंसी आज फेल है क्यों कि नापाक करतूत करने वाले का पता नहीं लगा सकी है। कुलविंदर सिंह के अनुसार एआई संयोग है अथवा प्रयोग है, सत्य सामने लाया जाना जरूरी है। अन्यथा सिखों में संदेश जाएगा कि सिख एवं इनके प्रतीकों को नीचा दिखाने की कोशिश करने वालों को एजेंसी एवं मशीनरी का वरदहस्त है?
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