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Chandil चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रही अवैध रूप से बालू की ढुलाई Illegal transportation of sand is going on rampantly in Chandil subdivision area

 


Upgrade Jharkhand News. मानसून के दौरान नदी घाटों के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा राज्य में 10 जून से 15 अक्टूबर तक सभी नदी घाटों से बालू के उठाव पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बावजूद सरायकेला खरसावां जिले में बिना किसी रोक टोक के बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। इसी के तहत चांडिल अनुमंडल के ईचागढ़, चांडिल, नीमडीह एवं कुकड़ू प्रखंड के स्वर्णरेखा एवं शांखा नदी से प्रतिदिन रात के अंधेरे में भारी मात्रा में अवैध रूप से बालू खनन एवं परिवहन बालू माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। 



बीच बीच में धर पकड़ होने के बाद भी अवैध बालू माफियाओं द्वारा बालू का परिवहन कर रहे हैं। ईचागढ़, कुकड़ू एवं नीमडीह थाना क्षेत्र में दर्जनों बालू का अवैध स्टॉक यार्ड ही बना लिया गया है। जहां से ऊंचे दाम पर हाइवा व ट्रैक्टर से बालू बेचा जा रहा है। इसके लेकर ग्रामीणोें ने पुलिस प्रशासन के प्रति नराजगी व्याप्त है। 


एनएच 32 एवं 33 में रात के अंधेरे में दौड़ रहा सैकड़ों बालू लदा हाइवा

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चांडिल, ईचागढ़ एवं चौका थाना क्षेत्र के एनएच 33 तथा नीमडीह थाना के एनएच 32 पर रात में काफी संख्या में बालू लदा हाइवा दौड़ रहा है। लोगों का तर्क है कि यदि स्टॉक से चालान में वैध रूप से बालू का परिवहन किया जा रहा है तो दिन में बालू लदा हाइवा क्यों नहीं चल रहा है। रात को ही क्यों चलाया जा रहा है। सुबह सात बजे के बाद दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग में एक भी बालू लदा हाइवा दिखाई नहीं देता है। इससे स्पष्ट है कि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में भारी मात्रा में बालू का अवैध खनन एवं परिवहन हो रहा है और जिला खनन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन बीच बीच एक दो हाइवा को धर पकड़ कर सिर्फ खानापूर्ति कर रहें है।


अवैध रूप से बालू खनन कर नदी को बना दिया नाला

ग्रामीणों द्वारा बताया कि नीमडीह प्रखंड में स्थित शांखा नदी में सिंदूरपुर, झिमड़ी, मुरू, तिलाईटांड़ एवं हेबेन गांव के पास अवैध बालू खनन का आदेश सरकारी स्तर पर नहीं है। इसके बाद भी तीन साल से अवैध रूप से बालू खनन कर नदी का प्राकृतिक सौंदर्य को तो नष्ट कर दिया गया। बालू का अवैध खनन से  नदी को नाला बना दिया गया।लेकिन प्रशासन इससे बेखबर है।


अवैध खनन से सरकारी राजस्व को रहा नुकसान

ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है। प्रशासन से मांग है कि इस अवैध खनन को रोकें। अवैध खनन के कारण सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है। इधर हाइवा में ओवरलोड के कारण ग्रामीण सड़कें भी जर्जर होने लगा है।



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