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Jamshedpur एग्रिको पूजा कमेटी का पूर्व सीएम रघुवर दास ने किया भव्य उद्घाटन Former CM Raghubar Das inaugurated the Agrico Puja Committee.

 


Jamshedpur (Nagendra) एग्रिको पूजा कमेटी के भव्य पूजा पंडाल का उद्घाटन आज हर्षोल्लास एवं गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल रघुबर दास तथा जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरन महतो उपस्थित रहे। वहीं रघुबर दास जी ने अपने संबोधन में एग्रिको पूजा पंडाल की कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने माता की प्रतिमा को “अद्भुत कलाकृति” की उपाधि देते हुए कलाकारों की प्रतिभा एवं समर्पण की सराहना की। वहीं, सांसद विद्युत वरन महतो ने स्वदेशी पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार की कलाकृतियाँ न केवल भारतीय संस्कृति और परंपरा की पहचान हैं, बल्कि स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित कर स्वदेशी को बढ़ावा देने का कार्य भी करती हैं। 


उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह, गुंजन यादव,  दिनेश कुमार, योगेश मल्होत्रा, विजय खान,  कन्हैया सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश झा, समाजसेवी विकास सिंह, आशुतोष सिंह,  लालचंद सिंह, चिंटू सिंह, चंदशेखर मिश्र,  धर्मेंद्र प्रसाद, राजन सिंह, कंचन सिंह,  कमलेश सिंह, सुशांतो पांडा, अप्पू तिवारी,  मनीष सिंह, संजीव कुमार, मंजीत सिंह, दिनेश गुप्ता, संतोष ठाकुर, गौतम प्रसाद,  राकेश कुमार सिंह, जीवन साहू, कंचन दत्ता,  अभिषेक कुमार, युवराज सिंह , नन्दलाल सिंह, ओमप्रकाश उपाध्याय, अशोक सिंह,  शैलेश गुप्ता तथा पवन अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।


इस अवसर पर एग्रिको पूजा कमेटी के अध्यक्ष वाई. पी. सिंह, महामंत्री भूपेंदर सिंह सहित समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे।  एग्रिको दुर्गापूजा कमिटी ने इस वर्ष मजदूरों के हाथों से बने स्टील के भव्य पंडाल का निर्माण किया है। इस अदभुत कला और उत्कृष्ट फिनिशिंग के लिए पूजा पंडाल के उद्घाटनकर्ता रघुवर दास ने एग्रिको पूजा कमिटी को हृदय से बधाई दिया है ।  उन्होंने कहा कि यह केवल एक पंडाल नहीं, बल्कि स्वदेशी और स्वावलंबन का सशक्त संदेश है। जिस स्टील से देश की औद्योगिक नींव रखी गई थी, आज उसी स्टील से माँ दुर्गा के पूजन का भव्य स्थल सजा है। यह दृश्य हमारे स्वाभिमान और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है । मां दुर्गा की पूजा शक्ति की उपासना है। शारदीय नवरात्र के इन पावन दिनों में हम देवी के नौ रूपों की आराधना करते हैं, जिससे हमें ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मक शक्ति प्राप्त होती है। 


हमारे पूर्वजों ने वर्ष के 365 दिनों में विविध पर्व-त्योहारों की परंपरा इसलिए बनाई, ताकि समाज के हरेक वर्ग, गृहिणी से लेकर मजदूर तक, छात्र से लेकर व्यापारी तक के जीवन में उल्लास और नवचेतना का संचार होता रहे यही उत्सव जीवन में जोश भरते हैं और हमें नई ऊर्जा के साथ कर्म में लगने की प्रेरणा देते हैं। मां दुर्गा नारी शक्ति का प्रतीक हैं। हमारे शास्त्रों में सिंह पर आरूढ़ रूप यह बताता है कि इस संसार में सबसे बड़ी शक्ति नारी है । भारत की संस्कृति विश्व की एकमात्र ऐसी संस्कृति है जहाँ हम देवी को पूजा करते हैं, नारी को शक्ति का स्रोत मानते हैं। अन्य पंथों में ईश्वर का स्वरूप पुरुष है, परंतु भारतवर्ष में हम स्त्री को देवी स्वरूप में पूजते हैं। परिवार, समाज और राष्ट्र, इन तीनों की आधारशिला नारी शक्ति है। पुरुष धन अर्जित कर सकता है, परंतु परिवार को एकसूत्र में बाँधने, बच्चों का लालन-पालन करने, घर की व्यवस्था और समाज में कुटुंब व्यवस्था बनाए रखने का कार्य हमारी बहनें, माताएँ और बेटियाँ करती हैं। आज आवश्यकता है कि हम इस नारी शक्ति का सम्मान करें, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। समाज में जो विकृतियाँ आई हैं जैसे :  महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपराध, ये किसी भी सभ्य समाज के लिए अशोभनीय हैं।



माँ दुर्गा से मेरी प्रार्थना है कि वे ऐसे लोगों को सद बुद्धि प्रदान करें। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट कहा है कि बिना नारी शक्ति के यह देश आगे नहीं बढ़ सकता । आज हमारी बेटियाँ खेल के मैदान में भारत को ओलंपिक में पदक दिला रही हैं, फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं, सीमाओं पर दुश्मनों से लोहा ले रही हैं। येही सशक्त नारी आज के भारत की ऊर्जा है । माँ दुर्गा से प्रार्थना है कि वे 144 करोड़ भारतीयों को, प्रधानमंत्री को, और हम सभी को शक्ति प्रदान करें। जिस प्रकार भारत ने अध्यात्म के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, उसी प्रकार स्वदेशी और स्वावलंबन के बल पर हम शीघ्र ही आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाने जा रहे हैं। आज वह ब्रिटेन, जिसने हमें 200 वर्षों तक गुलाम बनाए रखा, आर्थिक रूप से हमसे पीछे है, यह नए भारत की शक्ति का प्रतीक है। आइए, इस दुर्गा पूजा के पावन पर्व पर हम सभी नारी शक्ति के सम्मान, स्वदेशी की भावना और सनातन संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लें।



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