Upgrade Jharkhand News. क़ौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने धर्म प्रचार अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह खालसा से अपील किया है कि वह सीजीपीसी के तथाकथित प्रधान सरदार भगवान सिंह के झूठे प्रभाव से अपने आप को बचाए रखें। यह उनसे हमेशा अपने मन का काम करवाने की कोशिश करते हैं किंतु अकाली दल की अनुशंसा राय पर कायम नहीं रहते हैं।
अकाली दल के प्रधान बारीडीह के मामले को याद रखें, जब उन्होंने सरदार अवतार सिंह सोखी और जत्थेदार कुलदीप सिंह को अयोग्य ठहराने की रिपोर्ट सीजीपीसी को दी थी। अकाली दल के प्रधान उस दिन को याद रखें, क्या उनकी रिपोर्ट को माना गया? उल्टे तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहेब ज्ञानी बलदेव सिंह से उनकी संस्था के खिलाफ झूठी रिपोर्ट की गई और उन्हें वहां तलब किया गया था। प्रधान सरदार सुखदेव सिंह खालसा अच्छी तरह जानते हैं कि वह झूठी रिपोर्ट सिंह साहेब ज्ञानी बलदेव सिंह को किसने भेजी थी।
अकाली दल उस दिन को भी याद रखे जब साकची गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान पद के उम्मीदवारों की धार्मिक स्क्रुटनी करनी थी। और वहां अराजक तत्वों ने उम्मीदवारों को उनके मुख्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया था। अकाली दल ने किस मजबूरी के तहत उन अराजक तत्वों के खिलाफ पुलिस में शिकायत नहीं की थी। जब सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार गुरप्रीत सिंह के याचिका पर स्थानीय अदालत ने स्थगन आदेश जारी कर दिया है और 31 मार्च 2026 तक किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। तब क्या यह सीजीपीसी का तथाकथित प्रधान देश के संविधान और न्यायालय से ऊपर है? धर्म प्रचार अकाली दल अपने आप को धार्मिक प्रचार तक सीमित रखें और किसी व्यक्ति के हाथ का खिलौना नहीं बने। शनिवार को उम्मीदवारों की स्क्रुटनी से बचें अथवा न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई का सामना उन्हें करना पड़ेगा? अकाली दल एवं इसके प्रधान सुखदेव सिंह खालसा न्यायालय के आदेश का सम्मान करें। क्योंकि वैसे भी यदि उनका कोई फैसला इस प्रधान भगवान सिंह के मर्जी के उम्मीदवार के मुताबिक नहीं आता है तो वह अमान्य कर दिया जाएगा, जैसे बारीडीह के मामले में हुआ था।
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