Upgrade Jharkhand News. लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान सोमवार की शाम सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र के शहरबेड़ा गांव के पास स्थित सुवर्णरेखा नदी में एक दर्दनाक हादसा हो गया। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे तीन श्रद्धालु नदी के गहरे भंवर में समा गए। मंगलवार की शाम तक चले रेस्क्यू अभियान में तीनों के शव बरामद कर लिए गए। मिली जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर के डिमना निवासी 13 वर्षीय आर्यन यादव अर्घ्य देने के लिए नदी में उतरा था। अचानक गहरे पानी में खिंच जाने से वह डूबने लगा। उसे बचाने के लिए आदित्यपुर निवासी संजय यादव (45) और प्रतीक यादव (18) ने नदी में छलांग लगा दी, लेकिन तीनों ही पानी के तेज भंवर में फंस गए और बाहर नहीं निकल सके।
घटना की सूचना मिलते ही उपायुक्त नितीश कुमार सिंह प्रशासनिक दल के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीएम विकास राय, एसडीपीओ अरविंद कुमार बिन्हा, बीडीओ तालेश्वर रविदास, सीओ प्रदीप कुमार महतो और थाना प्रभारी दिलशन बिरुआ सहित अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे।स्थानीय गोताखोरों और सुवर्णरेखा बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति सह चांडिल नौकायान समिति के सदस्यों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। कुछ देर बाद आर्यन को बेहोशी की हालत में निकाला गया और एम्बुलेंस से एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजा गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
अगले दिन सुबह एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू अभियान जारी रखा। सुबह करीब 9 बजे संजय यादव का शव और दोपहर करीब 3 बजे प्रतीक यादव का शव नदी से बरामद किया गया।इस रेस्क्यू अभियान में 16 स्थानीय गोताखोर और एनडीआरएफ के 30 सदस्य शामिल रहे।मौके पर जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय, ईचागढ़ विधायक सविता महतो, पूर्व नगर उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद थे।
पुरेंद्र नारायण सिंह ने जताया शोक-आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा — “ईश्वर शोक-संतप्त परिवार को यह असहनीय दुःख सहने की शक्ति दें।” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि बचाव कार्य में शामिल स्थानीय गोताखोरों को पहचान पत्र दिया जाए और उन्हें संविदा पर नियुक्त किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों में तुरंत मदद मिल सके।



























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