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Jamshedpur उगते सूरज को अर्घ्य देने जेम्को घाट पर पहुँचा ऑस्ट्रेलियाई मेहमान , छठ पूजा के आखिरी क्षणों में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देखा यह अद्भुत नजारा An Australian guest reached Jamco Ghat to offer prayers to the rising sun, hundreds of devotees witnessed this amazing sight in the last moments of Chhath Puja.

 


Jamshedpur (Nagendra) टाटा नगर में चार दिनों के कठोर उपवास और साधना के बाद, लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा जेम्को छठ घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही भव्यता और श्रद्धा के अद्भुत माहौल में संपन्न हो गया। लेकिन इस समापन समारोह में एक ऐसा अद्वितीय पल आया, जिसने स्थानीय संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय आकर्षण का एक अनूठा संगम प्रस्तुत किया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जब सूर्य देव को जल अर्पित किया, उसी दौरान ऑस्ट्रेलिया से आए एक मेहमान ने छठ घाट का दौरा कर सभी को शुभकामनाएं दीं, जो वहां उपस्थित हर किसी के लिए एक चमत्कार से कम नहीं था।


विदेशी जुबान से छठ की महत्ता बतलाई-जेम्को घाट पर उपस्थित सैकड़ों लोगों के बीच, एलेक्स जेंडा नामक एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। एलेक्स यहां एक स्थानीय कंपनी में कार्यरत हैं और उन्होंने पहली बार इतने करीब से इस पवित्र महापर्व को देखा। व्रतधारियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए एलेक्स ने इस पर्व के महत्व और भारतीय संस्कृति की गहराई को समझने का अपना अनुभव साझा किया। यह देखकर स्थानीय लोग गर्व और आश्चर्य से भर गए। एक विदेशी द्वारा भारत के सबसे कठिन और सात्विक त्योहार का सम्मान करना जमशेदपुर के इतिहास में एक पल बन गया। सुबह होते ही जेम्को घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। पिछले 36 घंटों से निर्जला व्रत रख रहे व्रती परिवार नए सूप और दौरों में ठेकुआ, फल, और गन्ने का प्रसाद सजाकर जल में खड़े थे। धीरे-धीरे उगते सूर्य की लाल किरणें जब पानी पर पड़ीं, तो घाट पर भक्ति और शांति का माहौल छा गया। छठ पर्व की यह अद्वितीय परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। इसे सूर्य देव और उनकी पत्नी छठी मैया (जिन्हें प्रकृति और संतान की देवी माना जाता है) को समर्पित किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सबसे पहले कर्ण ने जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना शुरू की थी, और महाभारत काल में द्रौपदी ने भी अपने राजपाट की वापसी के लिए यह व्रत किया था। आज भी यह पर्व शुद्धता, संयम और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है।



जेम्को छठ घाट पूजा समिति के अध्यक्ष कंचन सिंह ने सभी श्रद्धालुओं, विशेषकर विदेशी मेहमान एलेक्स जेंडा का दिल से स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर की यह साझा संस्कृति है, जहां हर कोई एक दूसरे के पर्व का सम्मान करता है। इस अवसर पर महेश प्रसाद, करनदीप सिंह, मुन्ना देवी, प्रभात, दिलीप, अनिल प्रकाश सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और समिति के सदस्य मौजूद थे। छठ का यह समापन न केवल आस्था बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव का भी संदेश दे गया।



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